सावधान! आपकी अनदेखी बना सकती है बच्चों को मोबाइल गेम्स का लती, इन बातों का रखें ध्यान
बच्चे मोबाइल गेम्स के लती 1-2 दिन में नहीं हो जाते। लती बनने में समय लगता है। ऐसा ज्यादातर उन घरों में अधिक होता है जहां माता-पिता बच्चों के साथ ज्यादा बातें नहीं करते।
बच्चे मोबाइल गेम्स के लती 1-2 दिन में नहीं हो जाते। लती बनने में समय लगता है। ऐसा ज्यादातर उन घरों में अधिक होता है जहां माता-पिता बच्चों के साथ बातें नहीं करते। जहां माता-पिता दोनों नौकरी पेशा होते हैं वहां संभावना बढ़ जाती है। बच्चों की जिद पूरी करते रहने और अधिक लाडला बनाने से भी समस्याएं बढ़ती हैं।
मोबाइल गेम्स की लत में एक स्टेज ऐसी आती है जब बच्चा इसके लिए किसी भी तरह की बाधा को बर्दाश्त नहीं करता है। वह स्वयं जान दे सकता है या किसी की भी जान ले सकता है। लत एक-दो दिन में नहीं पड़ती। मां-बाप इसे इग्नोर करते रहते हैं। यदि शुरुआत में माता-पिता इस बात को समझ कर लती बनने से रोकने के उपाय करें तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
इन बातों पर दें ध्यान
- मोबाइल गेम्स खेलना गलत नहीं, लती बनाने वाले हिंसक प्रकृति से बचें
- बच्चे गेम्स के कारण खाना-पीना छोड़ दें, बात न करें, एकांत में रहें तो खतरा
- बच्चों को उतना ही समय मोबाइल के लिए दें जिसमें पढ़ाई और मनोरंजन हो सके
- यदि संदेह है कि बच्चा लती हो गया है तो उसे टोके, न मानें तो काउंसिलिंग कराएं
- मोबाइल गेम्स की लत को अब एक मानसिक विकृति माना जाता है, इलाज कराएं
सहायक मंडलीय मनोवैज्ञानिक संध्या शुक्ला ने बताया कि ऐसा दो स्थितियों में हो सकता है। माता-पिता दोनों वर्किंग हों और बच्चों पर ध्यान न दे पा रहे हों। दूसरा माता-पिता दोनों स्वयं में मोबाइल या मोबाइल गेम्स आदि के लती हों। आज के समय में मोबाइल से बच्चों को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन पढ़ाई की तरह इसका भी टाइम टेबल बनाया जा सकता है। हमेशा यह जानते रहना जरूरी है कि बच्चे कितना समय मोबाइल पर दे रहा है और क्या देख रहा है।