बड़ौत से युवक का अपहरण, मेरठ में गोली मारकर हत्या कर खेत में फेंकी लाश, पत्नी को हिरासत में लिया
बड़ौत क्षेत्र के बिजरौल गांव से युवक का अपहरण कर मेरठ में सोमवार दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक को काले रंग की स्कार्पियो सवार बदमाश रविवार रात घर के बाहर से उठा ले गए थे और इसके बाद सोमवार...
बड़ौत क्षेत्र के बिजरौल गांव से युवक का अपहरण कर मेरठ में सोमवार दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक को काले रंग की स्कार्पियो सवार बदमाश रविवार रात घर के बाहर से उठा ले गए थे और इसके बाद सोमवार दोपहर परतापुर के काजमाबाद गून गांव के बाहर गोली मार दी गई। लाश खेत में फेंककर स्कॉर्पियो सवार बदमाश फरार हो गए। मृतक की शिनाख्त अरुण तोमर पुत्र ऋषिपाल तोमर निवासी बिजरौल, बड़ौत के रूप में हुई है। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मृतक की पत्नी को हिरासत में लिया है।
परतापुर के काजमाबाद गून गांव में सोमवार दोपहर काले रंग की स्कॉर्पियो कार सवार बदमाशों ने साथ बैठे एक युवक की कनपटी पर गोली मार दी। बाद में लाश को गांव के बाहर ट्यूबवेल पर फेंककर फरार हो गए। गांव के बच्चों ने लाश देखकर लोगों को जानकारी दी। इसके बाद, पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। युवक के पास मोबाइल या अन्य कोई दस्तावेज नहीं मिले, जिससे उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। माना जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे सारा सामान अपने साथ ले गए। एएसपी विवेक यादव भी मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। फिलहाल, हत्यारों का सुराग नहीं लगा है।
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि परतापुर में एक युवक की हत्या की लाश फेंकी गई थी। मृतक की शिनाख्त बागपत के बिजरौल गांव निवासी के रूप में हुई है, जिसका रविवार रात को अपहरण किया गया था। बागपत पुलिस को सूचना दी गई है।
देरशाम हुई शिनाख्त
मृतक अरुण तोमर की शिनाख्त के बाद बड़ौत पुलिस से संपर्क किया गया, जिसके बाद पता चला कि अरुण का रविवार रात को घर के बाहर से काले रंग की स्कॉर्पियो में अपहरण कर लिया गया था। परिजनों ने रात को ही अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। हत्या की सूचना पर परिजनों ने अरुण की पत्नी मनी पर हत्या कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने फिलहाल पत्नी को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है। हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
मीडिया से भिड़े इंस्पेक्टर परतापुर
परतापुर इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह इस दौरान मीडिया कवरेज से नाराज हो गए। मीडियाकर्मियों को रोकने का प्रयास किया। कोई भी जानकारी देने से इनकार करते रहे। बाद में आला पुलिस अधिकारियों से मामले की शिकायत की गई।