UP DA Bonus: यूपी में कर्मचारियों और पेंशनरों को 46% महंगाई भत्ता, इतना दिवाली बोनस भी देगी योगी सरकार
यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को सरकारी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए और बोनस का ऐलान किया है। मूल वेतन का 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर यूपी की योगी सरकार भी अपने लाखों कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस और महंगाई भत्ते (डीए) का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसका ऐलान कर दिया। सीएम की घोषणा के अनुसार सभी राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों को अब 42 के स्थान पर 46 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। वहीं अराजपत्रित कर्मचारियों को अधिकतम सात हजार रुपये तक बोनस दिया जाएगा। यह लाभ सभी को एक जुलाई 2023 से दिया जाएगा। इसका लाभ 10 लाख राज्य कर्मियों और लगभग आठ लाख शिक्षकों को मिलेगा। वहीं 12 लाख से अधिक पेंशनरों को भी फायदा होगा जबकि सात हजार रुपये बोनस का लाभ करीब 14 लाख 82 हजार अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस और बढ़ी दर से महंगाई भत्ता दिए जाने की घोषणा के साथ ही प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों में इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। उन्हें सरकार की घोषणा का इंतजार था। प्रदेश के तमाम सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों व अराजपत्रित कर्मियों के लिए सोमवार की मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ यह अच्छी खबर आई। दीपावली पर उन्हें चार फीसदी बढ़ी हुई दर से महंगाई भत्ता मिलने जा रहा है। डीए-डीआर में वृद्धि की घोषणा का लाभ सभी कर्मचारियों व पेंशनरों को नवंबर के वेतन से मिलने लगेगा।
दीपावली की अग्रिम बधाई दी
मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा कि प्रदेश के उत्कर्ष में अपना योगदान कर रहे सभी राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों, यूजीसी कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों तथा पेंशनरों को मूल वेतन के 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसी प्रकार सभी राज्य कर्मचारियों (अराजपत्रित) व कार्य प्रभारित कर्मचारियों, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कार्मिकों को 30 दिन की परिलब्धियों के बराबर (उच्चतम सीमा 7 हजार) बोनस देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने सभी को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं भी दी हैं।
गत वर्ष मिला था 6908 रुपये बोनस
योगी सरकार ने गत वर्ष अक्तूबर में अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस के रूप में प्रत्येक को 6908 रुपये देने की घोषणा की थी। जीपीएफ से जुड़े कर्मियों को बोनस की 25 फीसदी राशि नकद और शेष 75 फीसदी जीपीएफ खाते में दी गई थी। जिनके जीपीएफ खाते नहीं थे, उन्हें 75 फीसदी राशि पीपीएफ या एनएससी में दी गई थी। गत वर्ष जुलाई से डीए में 4 फीसदी बढ़ोतरी की गई थी।
खजाने पर हर माह 314 करोड़ का भार
महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में चार फीसदी की वृद्धि से सरकारी खजाने पर हर महीने करीब 314 करोड़ रुपये का भार आएगा। इसमें सेवारत कर्मियों पर 215 करोड़ तथा सेवानिवृत्त कर्मियों पर 99 करोड़ हर माह अधिक खर्च होंगे। जुलाई से अक्तूबर तक के भुगतान पर 1256 करोड़ का व्यय भार आएगा। इसमें पुरानी पेंशन से आच्छादित कर्मियों से संबंधित 501 करोड़ रुपये की धनराशि जीपीएफ में जमा होगी जबकि 755 करोड़ नकद दिए जाएंगे। वहीं एनपीएस या पीपीएफ खाताधारकों के खाते में 344 करोड़ रुपये जमा कराए जाएंगे।
वहीं जुलाई से नवंबर तक नकद राशि पर 1069 करोड़ का व्ययभार आएगा। वहीं अराजपत्रित कर्मचारियों को अधिकतम सात हजार रुपये तक बोनस देने की स्थिति में खजाने पर आना वाला भार करीब 1022 करोड़ रुपये होगा। इसमें से 383 करोड़ जीपीएफ में जमा किया जाएगा जबकि 639 करोड़ नकद भुगतान होगा। प्रदेश में अराजपत्रित कर्मचारियों की संख्या 14 लाख 82 हजार के करीब हैं। बोनस का निर्धारण केंद्र द्वारा तय दर के अनुसार ही राज्य में भी तय किया जाता है।
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