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योगी कैबिनेट फैसला: लोकायुक्त और उप लोकायुक्त का यूपी सरकार ने घटाया कार्यकाल, अब पांच वर्ष होगा

यूपी सरकार ने लोकायुक्त और उप लोकायुक्त का कार्यकाल आठ वर्ष से घटाकर पांच वर्ष करने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन...

Dinesh Rathour प्रमुख संवाददाता, लखनऊMon, 5 Feb 2024 08:42 PM
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यूपी सरकार ने लोकायुक्त और उप लोकायुक्त का कार्यकाल आठ वर्ष से घटाकर पांच वर्ष करने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन के लिए विधेयक लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त अधिनियम-1975 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-42, सन् 1975) में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त के निर्धारित पांच वर्ष के कार्यकाल को अपरिहार्य विशिष्ट परिस्थितियों तथा कार्यहित में छह जुलाई 2012की अधिसूचना द्वारा संशोधित करते हुए आठ वर्ष निर्धारित किया गया था। 

कैबिनेट ने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा कार्यहित को देखते हुए आठ वर्ष का कार्यकाल अत्यधिक होने के कारण इसे लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम-2013 के सामान कार्यकाल पांच वर्ष अथवा सत्तर वर्ष की आयु जो पहले हो, का प्राविधान करने का फैसला किया। इसके लिए अब उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2024 लाया जाएगा। कैबिनेट ने फैसला लिया कि उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त अधिनियम-1975 में संशोधन करने के लिए विधेयक विधान मंडल में प्रस्तुत किया जाएगा। 

लोनी में बस स्टेशन के लिए नि:शुल्क भूमि देने का फैसला

यूपी कैबिनेट ने बस स्टेशन एवं कार्यशाला के लिए गाजियाबाद के लोनी में 2.049 हेक्टेयर जमीन राजस्व विभाग द्वारा परिवहन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के तहत परिवहन निगम द्वारा बस स्टेशन व डिपो कार्यशाला आदि विकसित किए जाने के लिए हस्तांतरित की गई यह जमीन लोनी तहसील के ग्राम बेहटा, हाजीपुर में है। राजस्व विभाग ने खसरा संख्या- 873/1 रकबा 1.290 हेक्टेयर एवं खसरा संख्या-881/1 रकबा 0.759 हेक्टेयर समेत कुल रकबा 2.049 हेक्टेयर जमीन को परिवहन विभाग के पक्ष में निःशुल्क अधिग्रहण किया गया है। परिवहन निगम की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए व्यापक जनहित में सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला किया गया। 

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