योग ने ही बनाया 75 की उम्र में निरोग, सात साल की उम्र से योगासन कर रहे पूर्व मंत्री डीपी यादव
अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में बने रहने वाले पूर्व मंत्री एवं सांसद डीपी यादव ने नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर युवाओं के साथ योगासन एवं प्राणायाम किया। योग से ही वह फिट हैं।
अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में बने रहने वाले पूर्व मंत्री एवं सांसद डीपी यादव ने नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर युवाओं के साथ योगासन एवं प्राणायाम किया। उन्होंने युवाओं को योग के लाभ भी बताए। डीपी यादव का मानना है कि योग शारीरिक एवं मानसिक मजबूती के लिए बहुत ज़रूरी है। उनका कहना है कि योग और प्राणायाम से हमारा शरीर तो स्वस्थ और निरोगी बनता ही है, साथ ही साथ हमें मानसिक रूप से भी बहुत मज़बूती मिलती हैं। आज डीपी यादव लगभग 75 वर्ष के हो चुके हैं लेकिन वो आज भी पूरी तरह फिट और स्वस्थ हैं।
आज अलग-अलग प्रकार की बीमारियां व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है वैसे-वैसे ही बीमारियां भी बढ़ती जाती हैं। लोग अक्सर इस आयु में भी उनके पूरी तरह फिट एवं स्वस्थ होने के बारे में पूछते रहते हैं। वो इसका पूरा क्रेडिट योग और व्यायाम को देते हैं। लगभग चार दशक लम्बी राजनैतिक यात्रा में कई बार विधायक, मंत्री और सांसद रह चुके डीपी यादव कहते हैं कि योग जीवन के हर पड़ाव में मज़बूती देता है।
छोटी उम्र से ही योग से जुड़ाव
डीपी यादव का बचपन से ही योग से जुड़ाव रहा है। विद्यार्थी जीवन में भी वो स्पोर्ट्स से जुड़े रहे और आज भी वो नियमित रूप से योगासन एवं व्यायाम करते हैं। वे कहते हैं कि योग हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। मैं लगभग 7-8 वर्ष की आयु से ही योग करता आया हूँ। बचपन में पिताजी सुबह 5 बजे से ही हम सभी भाइयों को योग के आसन कराया करते थे। तब से ही योग मेरी दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है।
कई दिग्गज शख़्सियतों से साथ कर चुके हैं योग
डीपी यादव मानते हैं कि योग को देश और दुनिया में प्रचारित-प्रसारित करने में बाबा रामदेव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की भी सराहनीय भूमिका रही है। डीपी यादव बाबा रामदेव समेत कई दिग्गज राजनैतिक और सामाजिक हस्तियों, जैसे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल, प्रसिद्ध आर्यसमाजी संत और गुर्जर नेता रामचंदर विकल आदि के साथ भी कई बार योग कर चुके हैं।
विपरीत परिस्थितियों में भी सहायक
डीपी यादव बताते हैं कि व्यक्ति के जीवन में हर तरह की परिस्थितियाँ आती हैं। कई बार सकारात्मक भी, कई बार नकारात्मक भी, परंतु योग सभी परिस्थितियों में व्यक्ति की सहायता करता है। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से इतना मज़बूत बना देता है कि निराशा एवं तनाव जैसे नकारात्मक भाव उसे छू भी नहीं पाते। व्यक्ति के जीवन में चाहे कितनी भी व्यस्तता हो, उसे योग के लिए ज़रूर समय निकालना चाहिए और इसे अपनी जीवन शैली का अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए।
योग को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं प्रयास
हाल ही में योग को बहुत लोकप्रियता मिली है। आज ना केवल देश बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग योग को अपना रहे हैं। इस विषय में डीपी यादव कहते हैं कि यह बात सौ फीसदी सच है कि आज पूरे विश्व में लोग तेज़ी के साथ योग की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन यह बात भी उतनी ही सत्य है कि अभी भी हमारे देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा योग से कोसों दूर है।
अपने ग़ैर-राजनीतिक मंच ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ के माध्यम से हम और हमारे साथी युवाओं को योग के साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं। हम सभी को मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि योग देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन सके। डीपी यादव ने योग के महत्व पर कई कविताएं भी लिखी हैं। जो वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित उनके काव्य संकलन ‘वक़्त साक्षी है’ में संकलित हैं।