फर्जीवाड़ा: पिता को पति बताकर तीन साल से ले रही थी विधवा पेंशन
अपने पिता को ही पति बनाकर एक युवती पिछले तीन साल से विधवा पेंशन ले रही थी। शिकायत के बाद जब यह फर्जीवाड़ा सामने आया तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। पता चला कि जिस पिता को युवती ने पति बनाया है वह...
अपने पिता को ही पति बनाकर एक युवती पिछले तीन साल से विधवा पेंशन ले रही थी। शिकायत के बाद जब यह फर्जीवाड़ा सामने आया तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। पता चला कि जिस पिता को युवती ने पति बनाया है वह भी जीवित है और उसका मृत्यु प्रमाणपत्र फर्जी बन गया है। यही नहीं, विवाहिता कागज में एक बच्चे की मां भी बन गई है। सच्चाई सामने आने के बाद पेंशन तो निरस्त कर दिया गया है लेकिन अपनी गलती छिपाने के लिए अभी इस मामले में न तो एफआईआर हुई है और न ही कोई विभागीय कार्रवाई।
निराश्रितों की मदद के लिए शासन द्वारा वृद्धा व विधवा पेंशन मुहैया कराई जाती है। पिपरौली ब्लाक के एक गांव में फर्जी दस्तावेज लगाकर विधवा पेंशन लेने का मामला सामने आया है। पिपरौली निवासी मोहम्मद कैश पुत्र आशिक अली ने मुख्यमंत्री पोर्टल सहित जिले के उच्च अधिकारियों को शिकायत कर आरोप लगाया कि गांव की एक युवती फर्जी दस्तावेज लगाकर तीन साल से विधवा पेंशन ले रही है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि ब्लाक कर्मचारियों द्वारा जिस महिला को विधवा पेंशन दिया जा रहा है और कथित तौर पर जिसे उसका पति बताया गया है वह जिंदा है।
ब्लाक कर्मचारियों की मिलीभगत से 25 अप्रैल को महिला के पति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा कुटुम्ब परिवार रजिस्टर में उसका एक बच्चा भी दिखाया गया है। यही नहीं यह भी आरोप है कि जिसे महिला का पति बताया जा रहा है वह दरअसल वह उसका पिता है। कूट रचित दस्तावेज तैयार कर विभागीय कर्मचारियों की मदद से तीन साल से महिला को विधवा पेंशन दिया जा रहा है।
मोहम्मद कैश ने बताया कि मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पिपरौली ब्लाक के अधिकारियों ने पेंशन तो निरस्त कर दी लेकिन अपनी गर्दन फंसती देख कार्रवाई से कतराने लगे। मुख्यमंत्री पोर्टल पर अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान पेंशन को निरस्त कर दिया गया है।
मामला संज्ञान में नहीं है, यदि ऐसा मामला संज्ञान में आता है तो जांच करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश राय, उप जिलाधिकारी, सहजनवां