कौन होगा डीडीयू का नया कुलपति? दौड़ में कई शामिल; अटकलें तेज
डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। डीडीयू के कुलपति का ताज अब किसके सिर होगा, इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। प्रो. राजेश सिंह भी कुलपति की दौड़ में शामिल हैं।
DDU News: डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। डीडीयू के कुलपति का ताज अब किसके सिर होगा, इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। चर्चा है कि प्रो. राजेश सिंह भी कुलपति की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि डीडीयू का इतिहास बताता है कि पिछले 67 वर्षों में किसी कुलपति को लगातार दूसरा कार्यकाल नहीं मिला।
प्रो. राजेश सिंह 5 सितंबर 2020 को डीडीयू के कुलपति बनाए गए थे। उनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए था। इसके अनुसार 4 सितंबर को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। यानी आधिकारिक रूप से उनके कार्यकाल के अब कुल 27 दिन रह गए हैं। राजभवन के स्तर पर कुलपति के चयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुलपति का नाम तब तक साफ हो सकता है। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में स्थापित पहले राज्य विश्वविद्यालय (डीडीयू) में 67 वर्षों के इतिहास में अब तक कुल 38 कुलपति नियुक्त किए गए हैं। इनमें कई ने कार्यवाहक कुलपति के रूप में अपने दायित्यों का निर्वहन किया। डीडीयू के संस्थापक कुलपति भैरव नाथ झा 11 अप्रैल 1957 से 10 मार्च 1961 यानी कुल 47 महीने तक कुलपति रहे। सर्वाधिक समय तक कुलपति रहने का रिकॉर्ड अब भी उन्हीं के नाम है
प्रो. राधे मोहन, पीके महांति तीन-तीन बार रहे कुलपति
प्रो. राधे मोहन मिश्र और मंडलायुक्त पीके महांति तीन-तीन बार अलग-अलग परिस्थितियों में डीडीयू के कुलपति रहे हैं। प्रो. विश्वंभर शरण पाठक के वर्ष 1994 में दो महीने की छुट्टी पर जाने के कारण प्रो. राधे मोहन मिश्र कुलपति बने थे। उसके बाद प्रो. विश्वंभर के इस्तीफा देने के बाद वर्ष 1994-95 में साढ़े सात महीने तक कुलपति थे। वर्ष 1999 से 2002 तक वे तीन वर्षों के लिए कुलपति नियुक्त हुए थे। इसी तरह डीडीयू में कुलपति की नियुक्ति न होने की परिस्थिति में मंडलायुक्त पीके महांति 2008 से 2011 के बीच तीन बार कुलपति नियुक्त हुए थे।
इधर, कोरोना महामारी के कारण प्रो. विजय कृष्ण सिंह (वर्ष 2017-20) को चार महीने का कार्यकाल विस्तार मिला था। प्रो. रमेश कुमार मिश्र (वर्ष 1995-99) और प्रो. देवेन्द्र शर्मा (वर्ष 1973-76) को चार-चार माह का कार्यकाल विस्तार मिला था। प्रो. हरिशंकर चौधरी (1976-80) को तीन महीने का और डॉ. अविनाश चन्द्र चटर्जी (1961-65) भी करीब साढ़े तीन महीने अधिक समय तक कुलपति रहे थे।
अगले कुलपति को लेकर कयास
सामान्य तौर पर किसी भी कुलपति का कार्यकाल समाप्त होने के आखिरी दिनों में नए कुलपति को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। अगला कुलपति कौन होगा, इसे लेकर डीडीयू में कयास लगाए जा रहे हैं।