उमेश पाल की हत्या के बाद कहां गुम हो गए शूटर? शाइस्ता-जैनब का भी कुछ पता नहीं; कुर्की की तैयारी में पुलिस
Prayagraj Shootout: उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार शूटरों ने अपने परिजनों से भी संपर्क नहीं किया। अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन और अशरफ की बीवी जैनब अपने शौहर का अंतिम दर्शन करने भी नहीं पहुंची।
Umesh pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड में फरार छह आरोपियों के घर पर कुर्की करने की तैयारी में धूमनगंज पुलिस जुट गई है। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद अब जल्द ही आरोपियों की गृहस्थी कुर्क होगी। हैरानी की बात ये है कि वारदात के बाद से फरार शूटरों ने अपने परिजनों से भी संपर्क नहीं किया। जेल जाने के खौफ से माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन और अशरफ की बीवी जैनब अपने शौहर का अंतिम दर्शन करने भी नहीं पहुंची। शूटरों के घरों पर ताला बंद हैं। सिर्फ साबिर की मां और बहन मकान के एक हिस्से में रहती हैं। उसकी पत्नी ने पहले ही दूरी बना ली थी।
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन, अशरफ की पत्नी जैनब और अतीक की बहन आयरा नूरी को धूमनगंज पुलिस ने वांटेड कर दिया था। इस बीच 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल में माफिया अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन दोनों भाइयों की हत्या के बाद भी उनकी पत्नियां सामने नहीं आईं। अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद उनको सुपुर्द ए खाक किया गया। पुलिस सतर्क थी लेकिन अंतिम दर्शन के लिए न तो शाइस्ता और न ही जैनब सामने आई।
पूरामुफ्ती में स्थित अशरफ के मकान में ताला बंद हैं। वहीं अतीक के पुश्तैनी और बेनामी मकान को पीडीए पहले ही जमींदोज कर चुकी है। अब कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद धूमनगंज पुलिस इनके घरों पर कुर्की करने जा रही है। बताया जा रहा है कि त्योहार के कारण पुलिस ने शनिवार को कुर्की की कार्रवाई नहीं की।
24 फरवरी को दहल गया था प्रयागराज
अधिवक्ता उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाहियों की 24 फरवरी को गोली-बम मारकर सरेआम हत्या की गई थी। इस हत्याकांड ने प्रयागराज ही पूरे उत्तर प्रदेश को दहला कर रख दिया था। आरोपित फरार शूटर साबिर, अरमान और बमबाज गुड्डू मुस्लिम पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है। पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में माफिया अतीक अहमद की पत्नी 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन, अशरफ की पत्नी रूबी जैनब और अतीक की बहन आयशा नूरी को भी आरोपी बनाया है। उमेश पाल हत्याकांड के सभी छह आरोपियों के फरार होने पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सीआरपीसी की धारा 82 के तहत इनके घरों पर नोटिस चस्पा किया था लेकिन किसी ने सरेंडर नहीं किया।