Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़waseem rizvi accepted hindu religion said i was out of islam free to belief in any religion sanatan dharm is oldest

वसीम रिजवी बोले-ये धर्मपरिवर्तन नहीं, जब इस्‍लाम से निकाल ही दिया तो कौन सा धर्म चुनता हूं ये मेरी मर्जी 

शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज इस्‍लाम छोड़कर गाजियाबाद के डासना मंदिर में हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया। इस मौके पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह...

Ajay Singh लाइव हिन्‍दुस्‍तान टीम , गाजियाबाद Mon, 6 Dec 2021 01:15 PM
share Share
Follow Us on

शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज इस्‍लाम छोड़कर गाजियाबाद के डासना मंदिर में हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया। इस मौके पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह धर्मपरिवर्तन नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया है तो मेरी मर्जी मैं कौन सा धर्म चुनता हूं। 

रिजवी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म सनातन धर्म ही है। इस्लाम कोई धर्म नहीं है। गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने सोमवार सुबह डासना देवी मंदिर मे शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर हिदू सनातन धर्म में आस्था जताई। रिजवी रविवार रात को ही आगरा से डासना देवी मंदिर में आ गए थे। डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की मौजूदगी में सुबह साढ़े 10 बजे मंदिर के पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के जरिए उनका विधिवत सनातन धर्म ग्रहण कराया। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ गए। सैय्यद वसीम रिजवी का नया नाम अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) होगा। अब उनका गोत्र वत्स है। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे।

धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है। इसमें बहुत सारी खूबियां हैं। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए उन्होंने 6 दिसंबर के पवित्र दिन चुना है। आज के ही दिन 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था।वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत जारी की थी। इस वसीयत में उन्‍होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने के बजाय हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को आग दें। इस वसीयत के बाद वसीम रिजवी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उन्‍होंने खुद की हत्‍या की साजिश की आशंका जताई थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें