विवेक तिवारी हत्याकांड: डीएम बोले नए सिपाहियों को 9 mm पिस्टल क्यों
नए सिपाहियों को 9 mm की पिस्टल कैसे मिल गई? यह सवाल लखनऊ के डीएम ने उठाया है। साथ ही इस आशय का निर्देश दिया है कि सिर्फ पुराने और गंभीर स्वभाव वाले सिपाहियों को ही पिस्टल या रिवाल्वर दी जाए। अन्य...
नए सिपाहियों को 9 mm की पिस्टल कैसे मिल गई? यह सवाल लखनऊ के डीएम ने उठाया है। साथ ही इस आशय का निर्देश दिया है कि सिर्फ पुराने और गंभीर स्वभाव वाले सिपाहियों को ही पिस्टल या रिवाल्वर दी जाए। अन्य सिपाहियों के लिए डंडा या रायफल ही सही है। खासतौर पर यह सवाल 2016 बैच के सिपाहियों पर उठा है।
इस संबंध में डीएम कौशल राज शर्मा ने लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णा से भी बात की है। डीएम के अनुसार हाल की घटना से पता चला है कि 2016 में भर्ती हुए सिपाहियों को भी पिस्टल मिल गई। असलहे सिर्फ उन सिपाहियों को देना चाहिए जिनके बारे में पता हो कि वे अनावश्यक किसी से उलझेंगे नहीं और आक्रामक नहीं होंगे। डीएम ने यह स्वीकार किया कि 2016 में भर्ती हुए सिपाहियों के व्यवहार के बारे में अक्सर शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में उनको व्यवहार संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाना जरूरी है। उधर एडीजी राजीव कृष्ण ने इस बारे में जानकारी होने से इंकार किया है कि इस बैच को ट्रेनिंग कम दी गई थी। इस ट्रेनिंग के बारे में सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे थे।
सिविल डिफेंस और पार्षद के सम्पर्क में रहना होगा
आने वाले समय में पुलिस का व्यवहार आम जन के लिए अच्छा रहे इसके लिए उनको प्रशिक्षण के साथ लोगों के बीच भी रहना होगा। सिपाहियों की हर हफ्ते अपने बीट के पार्षद संग बैठक करनी होगी। इससे जनता और पुलिस के बीच संवाद स्थापित होगा। साथ ही सिविल डिफेंस की भूमिका को भी बढ़ाया जाएगा। सिविल डिफेंस के वार्डेन यदि कहीं से पुलिस की बार-बार शिकायत आ रही है तो इसकी रिपोर्ट डीएम को देंगे। इसके बाद डीएम की तरफ से एसएसपी को इसकी सूचना दी जाएगी। यह ऐसे सिपाहियों पर कार्रवाई की जाए।