लखनऊ गोलीकांड: मैनेजर विवेक तिवारी की गाड़ी में की गई तोड़फोड़!
कहावत है कि 'पुलिस रस्सी का सांप बना देती है'। इस निर्मम हत्याकांड में पुलिस ने विवेक की गाड़ी की सूरत बदल कर इस कहावत का नमूना भी पेश कर दिया। जी हां, शुक्रवार रात अंडरपास के पिलर से टकराई...
कहावत है कि 'पुलिस रस्सी का सांप बना देती है'। इस निर्मम हत्याकांड में पुलिस ने विवेक की गाड़ी की सूरत बदल कर इस कहावत का नमूना भी पेश कर दिया। जी हां, शुक्रवार रात अंडरपास के पिलर से टकराई विवेक की कार में जितनी टूट-फूट हुई थी, रविवार वहीं गाड़ी ज्यादा डैमेज दिखाई दे रही थी। विवेक की गाड़ी की पुरानी और रविवार को खींची गई नवीनतम तस्वीरें सोशय मीडिया पर वायरल हुई तो घर वाले सकते में आ गए। उनका आरोप है कि पुलिस ने साजिश के तहत गाड़ी में तोड़फोड़ की है।
विवेक की कार (यूपी 32 जीएफ1213) सामने से पिलर में टकराई थी। इससे गाड़ी का अगला हिस्सा कुछ हद तक डैमेज हो गया था। शुक्रवार रात घटना के बाद मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों ने इस गाड़ी की तस्वीरें ली थीं। शनिवार सुबह गाड़ी को गोमतीनगर थाने ले आया गया था। रविवार को गोमतीनगर थाने पहुंचे लोगों की नजह जब विवेक की गाड़ी पर पड़ी को वह हैरत में पड़ गए। गाड़ी में इस दिन से ज्याद टूट-फूट नजर आ रही थी, जितना घटना वाले दिन था। मसलन रविवार को खींची गई तस्वीरें में गाड़ी की नंबर प्लेट गायब है। जबकि शुक्रवार को हादसे में नंबर प्लेट टूटू नहीं थी। इसके अलावा गाड़ी का बम्फर ज्यादा डैमेज नजर आ रहा था। गाड़ी की दोनों हेड लाईट टूटी थी जबकि शुक्रवार को टक्कर में एक हेड लाइट की तरफ का हिस्सा ही प्रभावित हुआ था। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि गाड़ी को टोचिंग करके थाने लाया गया था। टोचिंग के दौरान गाड़ी का कुछ अतिरिक्त हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया होगा।
दूसरे एयर बैग पर कैसे लगा खून
पिलर से टकराते ही गाड़ी के दोनों एयर बैग खुल गए थे। सिपाही की गोली से घायल विवेक गाड़ी चला रहा था। इससे ड्राइविंग सीट की तरफ वाले एयर बैग पर खून लग गया था। वहीं बगल में बैठी सना घायल नहीं हुई थी। इसके बाद भी उसकी तरफ वाले एयर बैग पर खून के निशान मौजूद हैं। इसे लेकर सवाल खड़ा हो रहा है कि दूसरी तरफ के एयर बैग पर खून कैसे लगा। विवेक के दोस्तों का कहना है कि एयर बैग तभी खुलते हैं जब सीट बेल्ट लगी हो। यानि की घटना के दौरान विवेक और सना दोनों ने सीट बेल्ट लगा रखी थी। खड़ी में गाड़ी में उनके सीट बेल्ट लगाए होने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है।