Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Vikas bitten snake 7 time CMO team told just once why is he coming to the hospital again and again

विकास को सात नहीं केवल एक बार सांप ने डंसा, फिर क्यों बार-बार आ रहा अस्पताल? CMO की टीम ने बताया

फतेहपुर में चर्चा का विषय बने विकास पर नया अपडेट आया है। सीएमओ ने दावा किया कि विकास को सात नहीं केवल एक बार सांप ने काटा है। इसके बाद उसे स्नेक फोबिया (सांपों का डर) मन में बैठ गया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, फतेहपुरTue, 16 July 2024 04:27 PM
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फतेहपुर का विकास दुबे पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह चर्चा 40 दिनों में सात बार सांप के काटने के कारण हो रही है। सातवीं बार सांप के काटने के बाद विकास ने यह भी दावा किया कि उसके सपने में भी सांप आया था। सांप ने सपने में उससे कहा कि आठ बार काटने तक वह जिंदा रहेगा लेकिन नौवीं बार सांप के काटने के बाद उसकी मौत हो जाएगी। विकास के दावे के बाद प्रशासन में भी खलबली मची। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया। अब इसे लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। सीएमओ ने दावा किया कि विकास को सात नहीं केवल एक बार सांप ने काटा है। इसके बाद उसे स्नेक फोबिया (सांपों का डर) मन में बैठ गया है। 

मलवा थाने के सौंरा निवासी विकास दुबे, उसके परिजनों और इलाज करने वाले डाक्टर ने दावा किया है कि 40 दिनों में लगातार सात बार विकास को सांप डंस चुका है। विकास ने दावा किय कि सांप ने सपने में आकर कहा कि नौंवी बार में उसकी जान चली जाएगी। मामला मीडिया में आने के बाद शासन ने पूरे मामले की जांच कर डीएम से रिपोर्ट मांगी। इस पर डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर मामले की जांच शुरू की है।

टीम ने दावा किया कि पहली बार विकास को दो जून को सांप ने डंसा था इसकी पुष्टि जांच टीम भी कर रही है। लेकिन उसके बाद लगातार छह बार सर्पदंश का दावा करना सीधे-सीधे स्नेक फोबिया (ओफियोफोबिया) से जुड़ा होना प्रतीत हो रहा है। सोमवार को एसडीएम और सीएमओ के साथ निजी नर्सिंग होम पहुंची जहां हर बार विकास सर्पदंश के दावे के बाद भर्ती हुआ था।

टीम को अस्पताल प्रशासन ने विकास के इलाज से जुड़े रिकार्ड दिखाए जिसमें पहली बार विकास दो जून को अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसे एंटी वेनम की प्रापर डोज दी गई थी। इसके साथ ही सर्पदंश से जुड़ी एंटीबायोटिक देकर इलाज हुआ था। 

पहली बार चार दिन विकास अस्पताल में भर्ती रहा था। लेकिन इसके बाद के छह बार में इलाज में टीम को बहुत असमानताएं मिली हैं। जिसने सवाल खड़े कर दिए हैं। मसलन एंटी वेनम दी तो गई हैं लेकिन उसका डोज कम था और हर बार वह 24 से 36 घंटे में ठीक होकर घर चला जाता था।

हालांकि जांच टीम ड्रग इंस्पेक्टर से भी मामले में राय ले रही है कि यदि बिना सर्पदंश के एंटी वेनम दी गई है तो उसका साइड इफेक्ट क्या है। उधर सोमवार देर शाम विकास भी राजस्थान बालाजी से सौंरा अपने घर लौट आया है। एक मेडिकल टीम विकास के घर पहुंचकर जांच करेगी।

सीएमओ डॉक्टर राजीव नयन गिरी के अनुसार पहली बार विकास को सर्प ने डसा था इलाज रिकार्ड से इसकी पुष्टि हो रही है। लेकिन उसके बाद को लेकर संशय है। मामला स्नेकफोबिया का प्रतीत हो रहा है जिसमें किसी व्यक्ति को बार-बार सांप काटने का भय बना रहता है।

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