'यूपी विधानसभा को लेकर धारणा बदली', बढ़ेगा प्रबंधन का रोल; सतीश महाना ने बताया आगे का प्लान
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को विस्तार से अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि पहले विधायिका की कमजोर करने का काम किया जाता रहा है लेकिन अब यूपी विधानसभा को लेकर धारणा बदली है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को विस्तार से अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि पहले विधायिका की कमजोर करने का काम किया जाता रहा है लेकिन अब यूपी विधानसभा को लेकर धारणा बदली है। योग्यता के कारण इसकी पहचान बदल रही है। शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रबंधन का विधायिका में रोल बढ़ाने के लिए आईआईएम, आईआईटी और उद्योग जगत के लोगों को भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि आगे आईआईएम के लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। आईआईटी और आईआईएम के वरिष्ठ अधिकारी बुलाए जाएंगे। विधायकों के समूह बनाकर विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्री, अधिकारी और विधायकों की समन्वय समिति मिलकर योजना बनाएगी। समिति सुझाव देगी। सतीश महाना ने कहा कि विधानसभा में पढ़े-लिखे लोगों को आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा में सभी सीटों पर सदस्यों के लिये टैबलेट लगवाने का काम किया है। सदन में सदस्यों के लिये पहले 379 सीटें थीं। अब 417 सीटें कर दी गईं हैं। उन्होंने कहा कि हमने 403 विधायक के साथ अलग-अलग संवाद किया। हमने डिजिटल वीथिका बनाई। वीथिका में हेलीकॉप्टर राइड की व्यवस्था है। जल्द इसे खोला जाएगा।
जल्द घोषित होगा उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार जल्द घोषित किया जाएगा। नई नियमावली अगले सत्र से लागू होगी। विधानसभा पुस्तकालय को ई लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा की नकारात्मक छवि, सकारात्मक में बदली है।
ज्यादा से ज्यादा सवाल लिए जा रहे
सतीश महाना ने कहा कि ख़ामियों को दूर करने के लिए चर्चा होनी चाहिए। हमने विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा सवाल लेने शुरू किये हैं। विधानसभा में ज़्यादा से ज़्यादा प्रश्न लेकर काम में तेज़ी लाई गई है। विधेयकों के संशोधन के लिए सभी को मौक़ा दिया गया। बजट और राज्यपाल के अभिभाषण पर ऐतिहासिक चर्चा हुई। यूपी अब पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में अहम भूमिका निभा रहा है।
तीन दशक में सबसे ज़्यादा लोगों ने चर्चा में हिस्सा लिया। अब विधानसभा में नए बदलाव के साथ काम हो रहा है। महिलाओं के लिये विशेष सत्र आयोजित किया गया। यह नई शुरुआत है। 75 साल में पहली बार महिलाओं को पूरा एक दिन दिया गया। इतिहास में पहली बार सजा सुनाई गई। विधानसभा के क्या विशेषाधिकार हैं, लोगों को अब पता चला है।