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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Varanasi police could not recognize its own mayor who came to take oath Pushing at the gate failed arrangement

शपथ लेने पहुंचे अपने ही मेयर को नहीं पहचान पाई वाराणसी पुलिस? गेट पर धक्कामुक्की, फेल दिखी व्यवस्था

शपथ ग्रहण करने पहुंचे कई पार्षदों को भी गेट पर ही रोक दिया गया। इस दौरान पहुंचे नवनिर्वाचित मेयर अशोक तिवारी और विधायक सौरभ श्रीवास्तव को भी पुलिस वालों से झकझक और विवाद करना पड़ा।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 26 May 2023 01:22 PM
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यूपी में नवनिर्वांचित मेयर और चेयरमैन समेत पार्षदों का आज शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। इस दौरान वाराणसी में अजब नाजारा देखने को मिला। शपथ ग्रहण करने पहुंचे कई पार्षदों को भी गेट पर ही रोक दिया गया। इस दौरान पहुंचे नवनिर्वाचित मेयर अशोक तिवारी और विधायक सौरभ श्रीवास्तव को भी पुलिस वालों से झकझक करना पड़ा। अपने कार्यकर्ताओं को अंदर करने के लिए पुलिस से विवाद हो गया। विधायक और मेयर के सख्त होने पर पुलिस ने गेट खोला। इस दौरान मेयर के साथ धक्कामुक्की के हालात हो गए। गेट खुलते ही भीड़ तेजी से अंदर की ओर घुसी तो पुलिस को भी बचने के लिए किनारे हटना पड़ा।

वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद बतौर मुख्य अतिथि समारोह में शामिल होने पहुंचे है। नवनिर्वाचित पार्षदों और मेयर के साथ कितने लोगों को अंदर जाने दिया जाएगा, इसे लेकर पहले से कोई प्लान नहीं होने का असर गेट पर दिखाई दिया। जब अंदर सीटें भरने लगीं तो पुलिस ने मेन गेट को बंद कर दिया। इस दौरान बारिश में ही नवनिर्वाचित पार्षदों और उनके साथ आए समर्थकों को सड़क पर खड़े रहना पड़ा। 

इसी दौरान नवनिर्वाचित मेयर और कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव पहुंचे तो पुलिस ने भीड़ के कारण गेट नहीं खोला। इसे लेकर गेट पर ही विवाद होने लगा। लोगों की भीड़ का दवाब होने से धक्कामुक्की की स्थिति बन गई। विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी इस दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच अपनी बात रखते देखे गए। मेयर औऱ विधायकके सख्त होने पर पुलिस ने गेट खोला तो लोगों की भीड़ अचानक ही अंदर घुस गई। 

अंदर का भी नजारा बदहाल ही दिखा। पार्षदों तक को कुर्सियां नहीं मिल सकीं। महिलाओं को भी गैलरी में खड़े होकर समारोह को देखते देखा गया। पुलिस प्रशासन की तरफ से की गई व्यवस्था पूरी तरह फेल नजर आई। इस बारे में पुलिस वालों के पास ठोस जवाब नहीं था। पुलिस वाले नहीं बता सके कि आखिर पार्षदों को क्यों बारिश में बाहर रोका गया।

पार्षद के साथ कितने लोग आएंगे, यह पहले से क्यों नहीं पता था। जब अंदर सीटों की संख्या पहले से पता थी तो इस तरह की स्थिति क्यों बन गई। बताया जाता है कि मेयर के खुद नाराज होने के बाद अफसरों तक भी शिकायत पहुंची है।

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