काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर रखीं लकड़ियों में लगी भीषण आग, गलियों ने रोका दमकल का रास्ता
काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर रखी लकड़ियों में भीषण आग लग गई है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे लगी आग पर ढाई घंटे बाद काबू पाया जा सका। इस दौरान शव लेकर आए लोगों को भी इंतजार करना पड़ा।
काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर रखी लकड़ियों में भीषण आग लग गई है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे लगी आग लगी और लगातार बढ़ती जा रही थी। सड़क से होकर मणिकर्णिका तक आने का रास्ता संकरी गलियों से होकर आता है, इसलिए दमकल की गाड़ियां भी यहां तक नहीं पहुंच पाईं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से पहुंचे फायर ब्रिगेड ने करीब ढाई घंटे बाद आग पर काबू पा लिया।
शाम करीब साढ़े चार बजे बाबा महाशमशान नाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद गुप्ता के लकड़ी के टाल में अचानक धुआं निकलने लगा। देखते ही देखते आग धधक उठी। इससे पहले कि कुछ किया जा सकता आग विकराल हो गई।
गंगा किनारे घाट के ठीक ऊपर होने और चारों तरफ से खुला होने के कारण तेज हवाओं ने आग को भड़कने में मदद की। आग ने कुछ मिनटों में विकराल रूप धारण कर लिया। घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी गई और लोगों ने खुद भी आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी। गंगा में मोटर लगाकर आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू हुई।
सड़क से मणिकर्णिका तक आने वाला रास्ता संकरा होने के कारण दमकल की गाड़ियां वहां तक नहीं पहुंच सकीं। ऐसे में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में रखे अग्निशमन यंत्रों और वहां मौजूद फायरकर्मियों ने आग पर काबू की कोशिश शुरू की। इसके बाद आग पर किसी तरह से काबू किया जा सका।
आग के कारण दाह संस्कार भी प्रभावित हो गया है। लोगों को वहां से दूर हटा दिया गया। इससे लोग अपने शवों के साथ इंतजार करते रहे। बाबा महाशमशान नाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद गुप्ता के अनुसार करीब 400 से 500 कुंतल लकड़ी जल गई है।