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बीएचयू और आईआईटी के बीच बाउंड्रीवाल के खिलाफ छात्रों का हुजूम सड़क पर उतरा, निकाला जुलूस

बीएचयू आईआईटी में छात्रा के कपड़े उतारकर अश्लीलता करने के बाद से सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कुछ कदमों का भारी विऱोध हो रहा है। इसी में से एक कदम बीएचयू और आईआईटी के बीच बाउंड्रीवाल बनाने का काम है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 6 Nov 2023 02:42 PM
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बीएचयू आईआईटी में छात्रा के कपड़े उतरवाकर अश्लीलता करने के बाद सुरक्ष को लेकर बाउंड्रीवाल बनवाने की कोशिश छात्रों को रास नहीं आ रही है। बड़े पैमाने पर इसका विरोध शुरू हो गया है। मौजूदा ही नहीं पुरा बीएचयू छात्र भी बीएचयू और आईआईटी के बीच किसी तरह की बाउंड्रीवाल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पूरा बीएचयू पहले से ही बाउंड्रीवाल से घिरा है। ऐसे में हर गेट पर सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी जाए। सीसीटीवी कैमरे और पेट्रोलिंग की व्यवस्था करने से ही पूरे कैंपस को सुरक्षित रखा जा सकता है।

भारी विरोध के बाद प्रशासन ने बाउंड्रीवाल बनाने के प्रस्ताव से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं लेकिन इसके विरोध में प्रस्तावित जुलूस के लिए छात्रों का हुजूम सड़क पर उतरा है। सोमवार दोपहर 2 बजे बड़ी संख्या में छात्र बीएचयू कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर पर जुटे। महामना की तस्वीर और पोस्टर लेकर छात्रों ने विश्वनाथ मंदिर पर नारेबाजी की। इसके बाद जुलूस की शक्ल में मालवीय भवन की ओर बढ़े। सुरक्षा के लिए पूरे बीएचयू परिसर में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। कुलपति आवास के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात दिखे। 

महामना ध्वज ने नीचे जुटे ‘हम बीएचयू के लोग’

बीएचयू के बंटवारे के खिलाफ सोमवार को महामना के हजारों मानस पुत्र ‘हम बीएचयू के लोग’ लिखे ध्वज के नीचे एक साथ जुटे। उनमें वर्तमान और पूर्व छात्रों के साथ ही प्राध्यापक-कर्मचारी भी थे। सभी ने परिसर की सुरक्षा के साथ उसकी अखंडता भी बनाए रखने की मांग की। परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर पर जुटने के बाद हजारों की यह भीड़ जुलूस के रूप में मालवीय भवन तक गई। 

दोपहर एक बजे बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर के बाहर विभिन्न संकायों के छात्रों की भीड़ जुटने लगी थी। उसमें सैकड़ों छात्राएं भी थीं। कुछ ही देर में पुरातन छात्र, वरिष्ठ छात्रनेता भी पहुंच गए। लंच का समय होने के कारण कई विभागों से शिक्षक और कर्मचारी भी शामिल हुए। बीएचयू का ध्वज, महामना की बड़ी तस्वीर और बीएचयू का दुपट्टा लिए ये छात्र विरोध मार्च लेकर आगे बढ़े। विश्वनाथ मंदिर के बाद वाणिज्य संकाय, विज्ञान संकाय, कला संकाय, भारत कला भवन और दृश्य कला संकाय से होता हुआ मार्च मालवीय भवन तक गया। 

मार्च के दौरान छात्रनेताओं और पूर्व छात्रों ने बीएचयू का विघटन करने वाली सोच के खिलाफ आवाज बुलंद की। पूर्व संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्रा ने कहा कि पीढ़ियों को अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। पूर्व छात्रों ने कहा कि अब तक दो बार ऐसा प्रस्ताव दिया जा चुका है। भविष्य में ऐसी किसी भी सोच का समर्थन नहीं होना चाहिए। सभी ने एक स्वर में छेड़खानी के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और परिसर में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग उठाई। 

विरोध मार्च में डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. कुंवर पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, अश्विनी राय, अवनींद्र राय, राहुल राज, मृत्युंजय तिवारी, पतंजलि पांडेय, शुभम तिवारी, अभिषेक सिंह, आशीर्वाद दुबे, अक्षय तिवारी, श्यामल, विवेक, चक्रपाणि ओझा, सुबोधकांत मिश्रा, नित्यानंद, अभिषेक आदि शामिल थे।

सोशल मीडिया पर आंदोलन को मिल रहा जबरदस्त समर्थन
बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के बीच दीवाल उठाने के विरोध में लामबंद हुए बीएचयू के छात्रों को पूर्व छात्रों का भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। दीवाल न उठाने की मांग के लिए समर्थन जुटाने के लिए व्हाटसएप पर ‘बीएचयू बचाओ संघर्ष समिति’ नाम से ग्रुप बना है। उसमें अधिकतम सदस्यों (1025) का आंकड़ा 24 घंटे के पहले ही पूरा हो गया। इसी नाम से ग्रुप का दूसरा पार्ट बनाया गया है।

प्रतिकार मार्च की सूचना दी इस ग्रुप के माध्यम से सूचना प्रसारित की गई कि छह नवंबर को बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर से प्रतिकार मार्च निकाला जाएगा। देखते ही देखते सभी सदस्यों ने इसका समर्थन कर दिया। छात्रों ने कहा कि जब तक दीवाल खड़ी न होने के संबंध में हमें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाएगा, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

‘हम बीएचयू के लोग’ का बैनर बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में छात्रों की एक बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि ‘हम बीएचयू के लोग’ नामक बैनर तले पूर्व शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र एकत्रित होकर छह नवंबर को दोपहर दो बजे विश्वनाथ मंदिर से मालवीय भवन जाएंगे। वहां बीएचयू के विभाजन के विरूद्ध और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी एकता प्रदर्शित करेंगे।

विश्वविद्यालय के छात्रों ने कहा छात्र आशीर्वाद ने कहा कि वाराणसी के कमिश्नर और बीएचयू के वीसी को इस प्रकरण पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इस बारे में सोच रहा है तो उसे तत्काल फैसला वापस लेना चाहिए। महामना के मानस पुत्र कभी भी विश्वविद्यालय का विभाजन बर्दाश्त नहीं करेंगे। शोध छात्र पतंजलि पांडेय ने कहा कि प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छह नवंबर को विश्वविद्यालय के छात्रों को एक विशाल मार्च में शामिल होने के लिए कहा गया हैं। इसके लिए विभाग संपर्क अभियान भी चलाया गया है।

दीवार की बात सोचनी भी नहीं चाहिएः पूर्व कुलपति प्रोफेसर पंजाब सिंह
बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के बीच बाउंड्री वाल बनाने के प्रकरण पर पूर्व कुलपति पंजाब सिंह ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि परिसर में इन दोनों कैंपस की सुरक्षा को ठीक करने के बहुत तरीके हैं। दीवार बनाकर कैंपस को बांटने की बात तो सोचनी भी नहीं चाहिए।

रविवार को एक बयान में पूर्व कुलपति ने कहा, क्या कोई इस बात की गारंटी दे सकता है कि दीवाल बनाकर ऐसे घटनाक्रम को रोका जा सकता है। कोशिश यह की जानी चाहिए कि आईआईटी को कैसे बीएचयू के प्रशासकीय अधिकार में फिर वापस लाया जाए। कभी कभी मैं सोचता हूं कि क्या मैंने 2007-8 में आईटी और आईएमएस बीएचयू को आईआईटी और एम्स का स्टेटस दिलाने का प्रपोजल देकर गलती तो नहीं की।

इसके पीछे मंशा यही थी कि ये दोनों इंस्टीट्यूशन उपलब्धियों में किसी से कम नहीं हैं तो क्यों न उनके लिए वही बजट मांगा जाए जो उन्हें मिलता है। बावजूद इसके मैं इस बात का पक्षधर रहा हूं कि आईआईटी और एम्स दोनों ही बीएचयू का हिस्सा बने रहें। 

मैंने इससे कोई समझौता नहीं किया। इसीलिए आईआईटी का प्रपोजल मेरे समय तक पास नहीं हो सका। पूर्व कुलपति ने कहा, जब आईआईटी का बिल पार्लियामेंट में जा रहा था तब मैंने डॉ. कर्ण सिंह से निवेदन किया था कि बिल में एक लाइन डाल दें कि आईआईटी का प्रशासन बीएचयू के पास रहेगा।

अभाविप ने की कार्रवाई की मांग
आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़खानी के विरोध में जहां छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं पुलिस अभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने सात-आठ लोगों से पूछताछ की है लेकिन अभी मुख्य आरोपी पुलिस के पकड़ से दूर हैं। वहीं विद्यार्थी परिषद ने छेड़खानी करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मनबढ़ों की पहचान में जुटीं पुलिस की दो और टीमें
आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ पहली नवंबर की रात छेड़छाड़ की घटना के बाद भी पुलिस अब तक मनबढ़ों की पहचान नहीं कर सकी है। पुलिस की दो टीमें और बढ़ा दी गई हैं। कुल पांच टीमें मनबढ़ों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं। आशंका है कि मनबढ़ जिले के बाहर हैं।

छेड़खानी की घटना को लेकर लंका पुलिस, चितईपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस सेल समेत पांच टीमें मनबढ़ों की पहचान करने में लगी हैं। पीड़िता के बताये युवकों की शक्ल-सूरत के जरिये भी युवकों की टोह ली जा रही है। विशेषज्ञों के जरिये फुटेज से युवकों की तस्वीरें निकालने का प्रयास चल रहा है। चूंकि फुटेज रात के हैं, इसमें युवकों की तस्वीर व बाइक का नंबर स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

दूसरे दिन भी गेटों पर चेकिंग लंका और चितईपुर पुलिस ने दूसरे दिन भी देर शाम से रात तक सीर गोवर्धनपुर और हैदारबाद गेट की ओर चेकिंग अभियान चलाया। वाहनों को रोककर तलाशी ली गई।

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