यूपी: रोजगार देने वाले चयन बोर्ड के इतने कर्मचारी बेरोजगार, दिखाया बाहर का रास्ता
यूपी में रोजगार देने वाले चयन बोर्ड के 36 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। मामला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का है। निजी एजेंसी का अनुबंध समाप्त होने से आउटसोर्स कर्मी बाहर कर दिए गए।
उत्तर प्रदेश के चार हजार से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के 36 आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। निजी एजेंसी का दो साल का अनुबंध दो दिन पहले 31 मई को समाप्त होने के कारण कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी और सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत 36 आउटसोर्स स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
इससे नवगठित उत्तर प्रदेश शिवा सेवा आयोग का कामकाज शुरू करने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता और बढ़ जाएगी। चयन बोर्ड के साथ ही उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का नए आयोग में हो गया है। नए आयोग के माध्यम से ही बेसिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थाओं तक में नियुक्ति होनी है। नए आयोग का साइज वर्तमान में सभी आयोगों में सबसे बड़ा है। ऐसे में निश्चित रूप से कर्मचारियों की संख्या अधिक होंगी। वर्तमान में नए आयोग में 14 कर्मचारी ही बचे हैं। जबकि 12 सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद काम का दबाव बढ़ेगा और कर्मचारियों की आवश्यकता भी बढ़ेगी।
बता दें कि दो महीने पहले ही उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक (प्राविधिक शिक्षा को छोड़कर) में भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के सदस्यों ने कार्यभार संभाला। नवनियुक्त 12 सदस्यों ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल की उपस्थिति में ज्वाॅइनिंग की औपचारिकता पूरी की थीं।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का कार्यालय प्रयागराज स्थित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का कार्यालय है। नए सदस्यों के कार्यभार संभालने के साथ ही कामकाज शुरू हुआ। नए सदस्यों के कामकाज संभालने के साथ ही लंबित भर्ती प्रक्रिया में भी गति लाने पर काम हुआ।