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Paper Leak Case: सिपाही भर्ती और RO-ARO पर्चों के लिए हुई थी 80 करोड़ की वसूली, कई बेनकाब

सिपाही भर्ती और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा पर्चा लीक मामले की जांच में पता चला है कि पर्चा लीक कराने से पहले ही जाल में फंसे अभ्यर्थियों से 80 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी थी।

Ajay Singh विधि सिंह, लखनऊTue, 19 March 2024 05:44 AM
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Paper Leak Case: सिपाही भर्ती और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा पर्चा लीक मामले की जांच में एक और खुलासा हुआ है। पड़ताल में सामने आया है कि दोनों परीक्षाओं का पर्चा लीक कराने से पहले ही जाल में फंसे अभ्यर्थियों से 80 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी थी। कुछ समय में ही इतनी बड़ी रकम की बंदरबांट भी कर ली गई। करीब 70 करोड़ रुपये सिपाही भर्ती परीक्षा और करीब 10 करोड़ आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा पर्चा लीक कराने के नाम पर वसूले गए थे। एसटीएफ का दावा है कि आरोपी राजीव नयन मिश्र, शुभम मण्डल के अलावा कई और चेहरे ऐसे हैं, जिनकी दोनों परीक्षाओं का पर्चा लीक होने से पहले अभ्यर्थियों तक पहुंचने में अहम भूमिका रही थी। 

एसटीएफ ने सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक मामले के तीन मुख्य आरोपितों अभिषेक कुमार, शिवम गिरी और रोहित पाण्डेय को गुरुवार को गाजियाबाद में गिरफ्तार किया था। इसी दिन दूसरी टीम ने लखनऊ मुख्यालय में कई घंटे पूछताछ के बाद स्कूल मैनेजर सौरभ शुक्ला और बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन सिपाही भर्ती परीक्षा में गिरोह के एक और अहम सदस्य डॉ. शुभम मंडल को पकड़ा गया। इसके बाद खुलासा हुआ था कि पर्चा लीक कराकर उसे हरियाण के एक रिजार्ट में करीब 1000 अभ्यर्थियों को मुहैया कराया गया। यहां प्रति अभ्यर्थी सात लाख रुपये पहले ही वसूल लिए गए थे। 

जांच बढ़ी तो खुली बंदरबांट 
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नये खुलासे हो रहे हैं। इस दौरान गिरफ्तारी के बाद कुछ आरोपितों से जेल में भी बयान लिये गये। इस दौरान सामने आया कि पर्चा और उत्तर अभ्यर्थियों तक पहुंचने से पहले ही करोड़ों रुपये की रकम गिरोह तक पहुंच गई थी। इतनी बड़ी रकम को लेकर ही तय हुआ था कि इसे बांट लिया जाये। इसके बाद दो अलग-अलग जगहों पर बंदरबांट हुई। इसमें मुख्य भूमिका निभाने वाले आठ सदस्यों को ज्यादा रकम मिली, जबकि बाकी को काम के हिसाब से रकम दी गई। 

छोटे शहरों से आई रकम लखनऊ में बटीं
गिरोह ने कई ऐसे एजेन्ट बना लिए थे, जिन्हें छोटे शहरों से अभ्यर्थियों से सम्पर्क करने को कहा गया था। इसके बाद अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सीतापुर समेत कई जिलों में इन एजेन्ट ने अभ्यर्थियों को जाल में फंसाया। इनसे सात से 10 लाख रुपये तक वसूली की गई। ये रकम इन जिलों से पहले लखनऊ में आयी जो सौरभ शुक्ला और अरुण सिंह तक पहुंचायी गई। इसमें काफी रकम का लखनऊ में भी बंटवारा हुआ। इसमें भी राजीव नयन, रवि अत्री की अहम भूमिका रही। ये दोनों अभी फरार हैं। इन दोनों की गिरोह में अहम भूमिका रही और पर्चा लीक कराने में इनकी मदद कई जगह पर ली गई। एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह और लाल प्रताप सिंह इन दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं। 

अब तक की पड़ताल 
पर्चा लीक पर मुकदमे-178
गिरफ्तार किए आरोपी-396
एसटीएफ ने किए केस-12
एसटीएफ ने पकड़े-55
मुख्य आरोपी-9

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