यूपी में खरीफ की फसलों के लिए वरदान बन गई सितम्बर की बारिश; अच्छी पैदावार की उम्मीद
सितम्बर में प्रदेश के 10 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा रिकार्ड की गई जबकि 28 जिले ऐसे रहे जहां सामान्य या उसके आसपास बारिश दर्ज की गई। ये बारिश खरीफ के उत्पादन में वृद्धि के लिए फाइनल टच के समान है।
Weather Impact on Crops: जुलाई-अगस्त में हुई बारिश से जहां खरीफ की फसलें लहलहा उठीं वहीं सितम्बर में हुई बारिश से तैयार फसलों को और ताकत मिली। सितम्बर में प्रदेश के 10 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा रिकार्ड की गई जबकि 28 जिले ऐसे रहे जहां सामान्य या उसके आसपास बारिश दर्ज की गई। यह बारिश खरीफ के उत्पादन में वृद्धि के लिए फाइनल टच के समान है।
विशेषज्ञों की मानें तो सितम्बर की शुरुआत में धान में बालियां आनी शुरू हो गई थीं। ऐसे में मामूली बारिश भी फसलों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है। महीने के अन्त तक फसलें लगभग तैयार दिखने लगीं। कृषि विशेषज्ञ एवं विश्वबैंक के सलाहकार डा. विष्णु प्रताप सिंह कहते हैं कि खरीफ सीजन से पहले अल-नीनो के कुप्रभाव की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन इस दौरान समय-समय पर लगातार इतनी बरसात हुई कि फसलों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ।
लेट वेराइटी वाले धान में बालियां निकल रहीं हैं जबकि अर्ली वेराइटी के धान हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हैं। पूरे सीजन में हुई बारिश दलहन-तिलहन के लिए भी लगभग सामान्य रही।
इससे इतना तो कहा जा सकता है कि पिछले साल की तुलना में खरीफ फसलों का उत्पादन-उत्पादकता पिछले वर्ष के समान या उससे बेहतर ही हो सकता है। बकौल डा. सिंह, सितम्बर में कमोबेश पूरे प्रदेश मे कहीं कम तो कहीं सामान्य बारिश हुई है।
इससे खरीफ को तो फायदा पहुंचा ही है, रबी की तैयारियों में भी इसका लाभ मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस सितम्बर में 114.1 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जो सामान्य 178.3 से कम है लेकिन खेतों में लगातार नमी बनी रहने से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
सितम्बर में प्रदेश में जिलेवार वर्षा की स्थिति
श्रेणीवार वर्षा की स्थिति जिलों की संख्या
सामान्य से अधिक वर्षा (120 प्रतिशत से अधिक) 10
सामान्य वर्षा (80% से 120 प्रतिशत) 11
सामान्य से कम वर्षा (60% से 80 प्रतिशत) 17
मामूली वर्षा (40% से 60 प्रतिशत) 15
न्यूनतम या छिटपुट वर्षा वाले (40% या उससे कम) 22