बच्चों की डिजिटल हाजिरी में फिसड्डी रहा बनारस, ये आ रही समस्याएं
बच्चों की डिजिटल हाजिरी में बनारस फिसड्डी रहा। स्कूलों में बच्चों की डिजिटल अटेंडेंस नहीं लग रही। शिक्षकों का विरोध जारी है और सर्वर-सिम की भी समस्या हो रही है। 4 फीसदी हाजिरी दर्ज की जा रही है।
वाराणसी के बेसिक शिक्षा विभाग में बच्चों की डिजिटल हाजिरी की कवायद फिर फेल होती दिख रही है। इसका कारण शिक्षक संगठनों का विरोध तो है ही, स्कूलों में पहुंचे सिम का एक्टीवेट न होना और सर्वर की समस्या भी है। पूरे तामझाम के साथ प्रेरणा पोर्टल पर शुरू हुए ‘डिजिटल रजिस्टर्स’ पर एक जुलाई को सिर्फ चार फीसदी हाजिरी दर्ज की गई जबकि स्कूलों में उस दिन 80 फीसदी से ज्यादा बच्चे मौजूद थे। गुरुवार का हाजिरी प्रतिशत भी छह तक ही पहुंच सका था। यह आंकड़ा बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी हुआ है।
स्कूलों में बच्चों की डिजिटल हाजिरी के लिए एक साल से कोशिश चल रही है। जिले के स्कूलों में कुल 1959 टैबलेट दिए जा चुके हैं। एक जुलाई से पहले सिम भी मुहैया करा दिए गए है। हर सिम के लिए 300 रुपये प्रतिमाह का खर्च दिया जा रहा है। एक जुलाई से ‘डिजिटल रजिस्टर्स’ के जरिए बच्चों की हाजिरी और एमडीएम वितरण दर्ज कराने की पहल की गई मगर बनारस इस मामले में फिसड्डी साबित हुआ। यह हाल पूरे प्रदेश में है। हमीरपुर, कौशांबी और बागपत जिलों में सबसे ज्यादा 24, 23 और 22 फीसदी हाजिरी कराई जा सकी है।
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बनारस के आसपास के भी जिलों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। सबसे बेहतर हाजिरी भदोही में 14 फीसदी और सबसे खराब चंदौली में एक फीसदी दर्ज हो सकी। स्कूल परिसर में 15 जुलाई से शिक्षकों की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करानी है। हालांकि इसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि बनारस में कई सिम एक्टिवेट नहीं हैं। साथ ही स्कूलों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की भी समस्या है। इनके ठीक होते ही जिले की डिजिटल हाजिरी ठीक हो जाएगी।
पड़ोसी जिलों का उपस्थिति प्रतिशत
भदोही 14%
मऊ 8%
जौनपुर 7%
सोनभद्र 4%
गाजीपुर 3%
बलिया 3%
आजमगढ़ 2%
मिर्जापुर 2%
चंदौली 1%