यूपी के माध्यमिक स्कूलों की खाली जमीन से आय बढ़ाने की तैयारी, जानें पूरा प्लान
उत्तर प्रदेश में माध्यमिक स्कूलों की खाली जमीन से आय बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई। निदेशालय ने मासौदा तैयार किया है। 27 जनवरी तक स्कूलों से सुझाव मांगे गए हैं। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गई है।
अब माध्यमिक शिक्षा परिषद हाईवे, बाजारों व सड़कों के किनारे स्थित स्कूलों की जमीनों का व्यावसायिक उपयोग कर आमदनी बढ़ाएगा। स्कूलों की जमीन पर काम्प्लेक्स, हाट बाजार, जिम, स्वीमिंग पूल तथा कृषि व खेल के लिए किराए पर देकर कमाई करेंगे। ताकि इस आय से स्कूलों के भवन की मरम्मत और रखरखाव किया जा सके। निदेशालय ने मासौदा तैयार किया है। 27 जनवरी तक स्कूलों से सुझाव मांगे गए हैं। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गई है।
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेन्द्र देव ने यह मसौदा तैयार किया है। मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिये हैं कि वो डीआईओएस की मदद से इस मसौदे का व्यापक प्रचार प्रसार करें। मसौदे पर मातहत अधिकारियों व स्कूल प्रबंधन से 27 जनवरी तक सभी से सुझाव मांगें गए हैं। सुझाव मेल आईडी schoolincomesuggestion@gmail.com पर भेजना है।
जमीनों का इनमें होगा व्यावसायिक उपयोग
स्कूलों में मानक से अधिक खाली जमीनों पर कॉम्प्लेक्स, व्यावसायिक कैंटीन, हाट व बाजार, शादियों की बुकिंग, जिम, स्वीमिंग पूल विकसित होंगे। खेलकूद गतिविधियां, सांस्कृतिक कार्य, प्रदर्शनी, बागवनी के अलावा नर्सरी, माण्टेसरी की पढ़ाई, कम्प्यूटर शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित कर आमदनी बढ़ाएंगे।
यह होंगे कमेटी में
डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनायी जाएगी। जिसमें डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष, डीआईओएस सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा वित्त एवं लेखाधिकारी, स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य होंगे।
प्रबंधक और डीआईओएस के संयुक्त खाते में जमा होगी आमदनी
स्कूलों से होनी वाली आय प्रबंधक और डीआईओएस के संयुक्त खाते में जमा होगी। इन पैसों का उपयोग सिर्फ स्कूल के जर्जर भवनों की मरम्मत, रखरखाव और विकास कार्यों में होगा। प्रधानाचार्य के जरिये प्रबंध समिति के अनुमोदन पर ही समिति मंजूरी देगी। इसका हर साल ऑडिट भी होगा।