टीचर सिखाएंगे बच्चों को चाय-पकौड़ी और पंचर बनाना, इन क्लासों के स्टूडेंट्स की होगी ट्रेनिंग
यूपी में टीचर बच्चों को चाय-पकौड़ी और पंचर बनाना सिखाएंगे। छठी से आठवीं तक के बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यूपी सरकार के करके सीखो कार्यक्रम के तहत टीचर बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
करके सीखों कार्यक्रम के तहत जिले के परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थी शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर भी बनेंगे। भाजपा सरकार ने परिषदीय स्कूलों में लर्निंग बाई डूइंग प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत गुरुजी बच्चों को चाय-पकौड़ी और पंक्चर बनाना ही नहीं बल्कि खेती-किसानी, कारपेंटर और जूस निकलाने का भी गुर सिखाएंगे। सरकार के यह कदम बच्चों के भविष्य के लिए सदुपयोगी होंगी।
करके सीखों कार्यक्रम के तहत जिले के 26 स्कूलों का चयन किया गया है। स्कूलों में इस कार्यक्रम को गति देने का कार्य सौंपा गया है। इस कार्यक्रम के तहत जूनियर हाईस्कूल यानी कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक विद्यालयों को शासन स्तर से ही 28,770 रुपये की धनराशि भी उपलब्ध करा दी गई है। परिषदीय स्कूलों में 50 प्रकार के उपकरण खरीदे गए है।
जिसके तहत गुरुजनों को विद्यालय के बच्चों को चार ट्रेर्ड्स इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एन्वायरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एवं गार्डनिंग और होम एंड हेल्थ की विभिन्न गतिविधियों आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों में बच्चों को इलेक्ट्रीशियन, खेती किसानी के लिए फावड़े, खुरपे, खाना पकाना, गैस चूल्हा, सिलेंडर राज मिस्त्री, बढ़ई, पंक्चर बनाना, सिलाई-कढाई आदि के उपकरणों के साथ अन्य उपकरण की खरीदे गए हैं।
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कुछ स्कूलों ने शुरू कर दी गतिविधियां
विभागीय अधिकारियों की माने तो मार्च माह में ही करके सीखों कार्यक्रम के तहत प्रत्येक ब्लाक के दो- दो स्कूलों में ग्रांट भेज दिया गया है। इससे स्कूलों ने टूल्स तो खरीद लिए है। मगर कुछ ही स्कूलों में इस पर कार्य शुरू हो सका है। हिन्दुस्तान टीम ने लगभग आठ से 10 स्कूलों के शिक्षकों से इस कार्यक्रम के बारे में पूछा। जिसमें आधे से अधिक ने प्रशिक्षण की बात कर टाल दिया। कुछ ने कहा कि कार्य किया जा रहा है।
बीएसए, डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि शासन की ओर से परिषदीय स्कूलों के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। ब्लॉकवार सर्वाधिक संख्या वाले दो-दो स्कूलों का चयन हुआ है। ग्रांट भेज दिया गया है। सभी स्कूलों ने लगभग टूल्स भी खरीद लिए हैं। स्कूलों में करके सीखों कार्यक्रम के तहत बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी।