संगम में पिंडदान के लिए विदेश से ऑनलाइन बुकिंग, ई-पिंडदान की भी सुविधा, यहां पढ़ें पैकेज की कीमत
संगम में पिंडदान को विदेश से ऑनलाइन बुकिंग करवाई गई है। कोरोना काल के बाद तीर्थ पुरोहितों के पास पिंडदान के लिए सर्वाधिक बुकिंग, अमेरिका, हालैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया और मॉरीशस से आई हैं।
पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृपक्ष 29 सितंबर, शुक्रवार से शुरू होगा। पिंडदान की परंपरा केवल प्रयाग, काशी और गया में है। लेकिन पितरों के पिंडदान और श्राद्ध कर्म की शुरुआत प्रयाग में क्षौर कर्म से होती है। पितृपक्ष में हर साल बड़ी संख्या में लोग पिंडदान के लिए संगम आते हैं। पितृ मुक्ति का प्रथम व मुख्य द्वार कहे जाने के कारण संगमनगरी में पिंडदान व श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है।
कोरोना के कारण विदेश से जो लोग संगम नहीं आ पाए थे वे पिंडदान के लिए इस बार आने की तैयारी कर रहे हैं। संगम में पिंडदान कराने के लिए कई देशों के लोग वेबसाइट और एप के जरिए ऑनलाइन बुकिंग करा रहे हैं। पुरोहितों के अनुसार विदेशों में कोरोना की महामारी अब लगभग खत्म हो चुकी है इसलिए विदेश से पिंडदान के लिए इस बार ज्यादा संख्या में लोगों के आने की संभावना है।
हिंदू धर्म में मनुष्य के तीन ऋण त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंभुनाथ त्रिपाठी ‘अंशुल’ के अनुसार शास्त्रत्तें में मनुष्य के तीन ऋण विशेष तौर से बताए गए हैं। इसमें देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण होता है। पितृ ऋण में माता-पिता के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है।
ये भी पढ़ें: Government Scheme: पारिवारिक लाभ योजना के लिए तहसील में नहीं होगा सत्यापन, ऑनलाइन आवेदन होंगे स्वीकार
पितृ ऋण से मुक्त न होने पर जन्म निरर्थक माना जाता है। इसलिए पितृपक्ष में पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित की जाती है। संगम में पिंडदान करने से भगवान विष्णु के साथ ही तीर्थराज प्रयाग में वास करने वाले सभी देवी-देवता भी पितरों को मोक्ष प्रदान करते हैं। पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
ई-पिंडदान की भी सुविधा
तीर्थपुरोहित प्रदीप पांडेय ने बताया कि अमेरिका, हॉलैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया, नेपाल, इंडोनेशिया और मॉरीशस से लोगों ने पिंडदान के लिए बुकिंग कराई है। ऑनलाइन बुकिंग के लिए जस्ट डायल और पिंडदान डाटकॉम वेबसाइट पर सुविधा उपलब्ध है। इनसे संगमनगरी के 200 पुरोहित जुड़े हैं। पांडेय के अनुसार विदेश से जो लोग किसी कारण से नहीं आ पाएंगे उनके लिए ई-पिंडदान की सुविधा रहेगी।
इसके लिए पिंडदान कराने वाले व्यक्ति से मृतक का संबंध, गोत्र, अवस्था, मृत्यु तिथि, मृत्यु का कारण, स्थान, समय की जानकारी पहले से पता कर ली जाएगी, जिससे समय से पिंडदान की समुचित व्यवस्था की जा सके। विदेश से आने वाले लोगों का पिंडदान पैकेज लगभग 7100 रुपये से लेकर 21 हजार रुपये तक का है।