Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Prayagraj RO ARO Exam Paper Leak Evidence Deadline completed candidates wait for decision

आरओ/एआरओ परीक्षा पेपर लीक के साक्ष्य देने की मियाद पूरी, फैसले का इंतजार

आरओ/एआरओ पेपर लीक मामले में साक्ष्य देने की मियाद पूरी हो गई है। अब सभी को फैसले का इंतजार है। शासन ने छात्रों से 27 फरवरी तक पेपर लीक के साक्ष्य मांगे थे। यूपी लोक सेवा आयोग ने 2 मार्च तक समय दिया।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, प्रयागराजWed, 28 Feb 2024 06:01 AM
share Share

समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारम्भिक परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों के साक्ष्य देने की मियाद मंगलवार को पूरी हो गई। इसी के साथ पिछले दो सप्ताह से परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे प्रतियोगी छात्रों की निगाह शासन के फैसले पर टिक गई है। हालांकि शासन के समानान्तर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आंतरिक समिति भी जांच कर रही है और अभ्यर्थियों को दो मार्च तक पेपर लीक के सबूत देने का मौका दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 फरवरी को आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतों की जांच कराने का आदेश 24 फरवरी को दिया था। कार्मिक एवं नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने 27 फरवरी तक पेपर लीक के साक्ष्य ऑनलाइन माध्यम से मांगे थे। साक्ष्य देने की समयसीमा मंगलवार को पूरी हो गई। ऐसे में दो सप्ताह से आंदोलित छात्रों को शासन के फैसले का इंतजार है। वहीं दूसरी ओर यूपीपीएससी की जांच पूरी होने में समय लगेगा। 

दो मार्च तक साक्ष्य जुटाने के बाद तीन सप्ताह में जांच पूरी होने की बात कही गई है। उसके बाद शासन से विचार-विमर्श के बाद ही आयोग किसी ठोस निर्णय पर पहुंचेगा। गौरतलब है कि आरओ के 334/एआरओ के 77 कुल 411 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 11 फरवरी को 58 जिलों के 2387 केंद्रों पर हुई थी। आवेदन करने वाले 1076004 अभ्यर्थियों में से साढ़े तीन लाख से अधिक ने परीक्षा छोड़ दी थी।

ये भी पढ़ें: सीएम योगी आज करेंगे देवबंद के एटीएस कमांडों सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन

आरओ/एआरओ निरस्त कराने को बारिश में डटे रहे छात्र
आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपरलीक का आरोप लगा रहे छात्र परीक्षा निरस्त करने पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को पूरे दिन बूंदाबांदी के बावजूद दर्जनों छात्र पत्थर गिरजाघर स्थित धरनास्थल पर बरसाती तानकर डटे रहे। इस दौरान फोर्स के साथ एडीसीपी ट्रैफिक शिवराम यादव और एसीपी श्वेताभ पांडेय स्थिति नियंत्रित करने में लगे रहे। 

हालांकि सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को शांति रही और विरोध कर रहे छात्र धरनास्थल पर ही परीक्षा निरस्त कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। मंगलवार सुबह से ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर भारी फोर्स तैनात रही और आसपास के चौराहों पर गाड़ियां दूसरे रास्तों पर डायवर्ट कर दी गई थी। दोपहर तक प्रतापगढ़-लखनऊ रूट पर गाड़ियों को दूसरे रास्तों से भेजा जा रहा था। उसके बाद रास्ता खोल दिया गया। 

सीबीआई जांच के लिए राष्ट्रपति को भेजा ई-मेल
आरओ/एआरओ पेपरलीक व धांधली की सीबीआई जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने, परीक्षा रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित कराने के लिए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को ई-मेल भेजा। धरना देने वालों में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, प्रभाकर सिंह, रवि, विजय आदि शामिल रहे। छात्रों ने केंद्र व प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने की भी मांग उठाई।

धरना दे रहे छात्रों से मिले अमिताभ ठाकुर
चर्चित आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपरलीक को लेकर धरना दे रहे छात्रों से मंगलवार को पत्थर गिरजाघर स्थित धरनास्थल पर मुलाकात की। कहा कि सच की जीत होगी और वह छात्रों की लड़ाई के साथ हैं। उनके साथ राष्ट्रीय महासचिव डॉ. नूतन ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार पांडे, संगठन मंत्री संजय सिंह यादव, राष्ट्रीय मंत्री मधुरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें