Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Prayagrah Magh Mela Ram temple model will not be kept Ramlala idol photo will be worshiped in VHP camp

प्रयागराज माघ मेला में नहीं रखा जाएगा राम मंदिर मॉडल, विहिप के शिविर में रामलला के विग्रह की होगी पूजा

प्रयागराज में होने वाले माघ मेला में राम मंदिर का मॉडल नहीं रखा जाएगा। हालांकि विहिप के शिविर में रामलला के विग्रह की तस्वीर की पूजा होगी। 2001 से शिविर में मंदिर का प्रतिरूप रखा जाता था।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, प्रयागराजSat, 6 Jan 2024 06:54 AM
share Share

प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में परेड मैदान पर लगे विश्व हिन्दू परिषद के शिविर में इस साल से रामलला के उसी विग्रह की तस्वीर की पूजा-अर्चना होगी जो श्रीराम मंदिर अयोध्या में स्थापित होने जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन का मुख्य केंद्र रहे विहिप के शिविर में साल 2001 से ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए राम मंदिर का मॉडल रखा जाता था। हालांकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पिछले साल से मेला शिविर में मॉडल रखने की परंपरा बंद कर दी गई। ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि निर्माणाधीन मंदिर में एक मुख्य व पांच उप शिखर हैं जबकि मॉडल में तीन शिखर ही थे।

इस साल से रामलला के विग्रह पूजन की शुरुआत होने जा रही है जो आने वाले वर्षों में जारी रहेगी। प्रमुख संतों और राम जन्मभूमि न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष परमहंस दास के कहने पर विहिप के अध्यक्ष अशोक सिंहल ने सोमपुरा गुजरात के रहने वाले आर्किटेक्ट से मंदिर का मॉडल तैयार कराकर माघ और कुंभ मेला में दर्शन के लिए रखने की शुरुआत की थी। संतों ने तय किया था कि जब तक अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता और विग्रह की स्थापना नहीं होती तब तक इस मॉडल की पूजा होती रहेगी। 

तीर्थ क्षेत्र संगम में पूरी दुनिया के लोग आते हैं जिनकी भावनाएं राम मंदिर के मॉडल के जरिए इस आंदोलन से जुड़ी रहेगी। विहिप काशी प्रांत के संगठन मंत्री नितिन के अनुसार 22 जनवरी को जब अयोध्या में भगवान राम की विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हो रही होगी तब माघ मेला स्थित विहिप के शिविर में ही रामलला के विग्रह का पूजन अर्चन किया जाएगा। शिविर को कुंभ की तरह भव्य रूप में सजाया जाएगा। 22 जनवरी को बड़ी संख्या में संत, कार्यकर्ता और रामभक्त उपस्थित रहेंगे। भजन, कीर्तन और आरती के बाद प्रसाद वितरण होगा। उससे पहले मकर संक्रांति के दिन से ही विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पूजित अक्षत वितरण के  जरिए शिविर से दिया जाएगा। 

संगठन मंत्री विहिप काशी प्रांत, नितिन का कहना है कि विश्व हिंदू परिषद का शिविर राम जन्मभूमि आंदोलन की एक-एक गतिविधियों का साक्षी रहा है। देशभर के सभी प्रमुख संत पवित्र भूमि पर एकत्रित होते रहे हैं। जन्मभूमि आंदोलन के एक-एक निर्णय इसी पवित्र भूमि पर यह मानते हुए लिया गया कि यहां पर लिया गया संकल्प कभी अधूरा नहीं रहता। वह संकल्प आज पूरा हो रहा है।

कारसेवकपुरम में बना था मंदिर का मॉडल 
विहिप के शिविर में वर्षों तक रखने जाना वाला मॉडल गुजरात के कारीगरों ने अयोध्या के कारसेवकपुरम में ही बनाया था। विहिप के महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता के अनुसार मंदिर का मॉडल पूरी दुनिया में सिर्फ मेला क्षेत्र में ही दर्शन के लिए रखा जाता रहा है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए भेजा संगम का जल
अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 108 धातु कलशों में संगम त्रिवेणी का जल शुक्रवार को भेजा गया। आचार्य धीरज द्विवेदी याज्ञिक के संयोजकत्व में संतों तथा भक्तों के साथ पूजित जल अयोध्या धाम के लिए भेजा गया। रथ एवं संतों का भक्तों की ओर से सोरांव, मऊआइमा, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर आदि स्थानों पर स्वागत किया जा रहा है। पूजन-अर्चन के समय सुदर्शनशरण, चन्द्रमादास, भूपेन्द्रदास पुत्तन, जितेन्द्रदास, अनंतदास, विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष केपी सिंह, प्रांत संगठन मंत्री नितिन, प्राणनाथ मिश्रा, सत्येंद्र मणि शुक्ल, अजय तिवारी, अजय, चंद्रभूषण तिवारी, आलोक द्विवेदी, अनिल दुबे, सूर्यकांत तिवारी, अनिल दुबे, संतोष तिवारी, मनोज शुक्ल, सुखेन्द्र मिश्र, कुलभूषण, कौशल वैदिक, विष्णु पांडेय, अंकित तिवारी आदि उपस्थित रहे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें