जरूरत पड़ी तो ये भी होगा…. UP पुलिस ने भोले बाबा की गिरफ्तारी पर क्या कहा
हाथरस हादसे में भोले बाबा भोले बाबा उर्फ नारायण साकर हरि की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानकारी दी है। इनकी रैली में आयोजित भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
हाथरस में भगदड़ के कारण हुए हादसे में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी पहली गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए गुरुवार को कहा है कि उन्होंने छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि गिरफ्तार हुए लोगों में भोले बाबा उर्फ नारायण साकर हरि का नाम शामिल नहीं है जिसकी रैली में भगदड़ मची। प्रेस कॉन्फ्रेंस इस पर सवाल पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक (अलीगढ़ रेंज) शलभ माथुर ने कहा है कि जांच अभी शुरू हुई है और जांच जारी है। तथ्यों के आधार पर आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गॉडमैन, जिसका असली नाम सूरज पाल है, से अभी तक पूछताछ नहीं की गई है। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर जानकारी दी थी और कहा था कि जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक ने पाल को हिरासत में लेने की संभावना से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, "जांच में जो कुछ भी सामने आएगा उसके आधार पर हम गिरफ्तारी करेंगे। जरूरत पड़ने पर हम बाबा से पूछताछ करेंगे, अभी यह कहना या टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि उनकी इसमें कोई भूमिका है या नहीं। एफआईआर में उनका नाम नहीं है, जिसमें आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। आयोजन समिति ने अनुमति ली थी और पैनल के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।" अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि वेद प्रकाश मधुकर नाम के व्यक्ति के नाम पर इजाजत ली गई थी। उन्होंने कहा कि उसे पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं और उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है। माथुर ने कहा, "अगर मधुकर से पूछताछ के दौरान दूसरे लोगों की भूमिका का पता चलता है, तो हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।"
घटना के बाद बाबा ने तोड़ी चुप्पी
कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी 'बाबा' के खिलाफ पिछले मामलों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अब तक उन्हें जो पता चला है उसके मुताबिक पाल यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल थे और उन्होंने 2000 में वीआरएस (सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली थी। उस वक्त वे आगरा में तैनात थे। इसके तुरंत बाद आगरा के शाहगंज पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई और बाद में उन्हें बरी कर दिया गया। हम पता लगा रहे हैं कि क्या उनके खिलाफ कोई और मामला है और हम इसके लिए दूसरे राज्यों की पुलिस की मदद भी ले रहे हैं।” घटना के बाद से चुप्पी बनाए रखने के बाद बुधवार को एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए पाल ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है और कहा कि वह इस त्रासदी के पीछे कथित तौर पर शामिल "असामाजिक तत्वों" के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
कैसे हुआ था हाथरस में भगदड़
मंगलवार को हाथरस में हुए भगदड़ में अब तक कम से कम सात बच्चों सहित 123 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा हाथरस के सिकंदरा राव पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत फुलराई गांव में एक सत्संग में हुआ। पुलिस ने कहा है कि 80,000 लोगों के लिए इजाजत दी गई थी, लेकिन 2.5 लाख लोग कार्यक्रम के लिए इकट्ठा हो गए थे। जानकारी के मुताबिक जब बाबा अपनी कार में जा रहे थे, तो भीड़ उनके पीछे छोड़ी गई धूल को आशीर्वाद मानकर इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़ी। भीड़ पर काबू पाने की कोशिश में पाल के संगठन के स्वयंसेवकों और सुरक्षा के प्रभारी ने लोगों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया। इस भगदड़ के बीच लोग इधर उधर भागने लगे और कई लोग गिर पड़े जिन्हें भीड़ ने कुचल दिया।