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यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2018: दूसरी पाली की परीक्षा रद्द, 10 लाख छात्रों को दोबारा देना होगा पेपर

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से पुलिस एवं पीएसी के 41520 पदों पर भर्ती के लिए कराई गई लिखित परीक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। दो केंद्रों पर परीक्षा के गलत प्रश्नपत्र बांट दिए जाने के...

लखनऊ, हिन्दुस्तान टीम। Wed, 8 Aug 2018 02:12 PM
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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से पुलिस एवं पीएसी के 41520 पदों पर भर्ती के लिए कराई गई लिखित परीक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। दो केंद्रों पर परीक्षा के गलत प्रश्नपत्र बांट दिए जाने के कारण दोनों दिनों की दूसरी पाली की पूरी परीक्षा ही निरस्त करनी पड़ी। परीक्षा में शामिल 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को अब दूसरी पाली की परीक्षा दोबारा देनी पड़ेगी। परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।

बोर्ड ने इस चूक के लिए जिम्मेदार केद्र व्यवस्थापक, पुलिस प्रेक्षक, परीक्षा कराने वाली संस्था के प्रतिनिधि एवं अन्य दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है। नागरिक पुलिस में पुरुष व महिला सिपाही तथा पीएसी में पुरुष सिपाही के पदों सीधी भर्ती 2018 की आफलाइन लिखित परीक्षा प्रदेश के 860 केंद्रों पर गत 18 व 19 जून को दो पालियों में कराई गई थी। परीक्षा आयोजित होने के दो-तीन दिनों बाद ही कुछ स्थानों से यह सूचना आई कि प्रथम पाली एवं द्वितीय पाली में जो प्रश्नपत्र बांटे गए हैं, उनमें अंतर नहीं था। दोनों पालियों में एक ही प्रश्नपत्र बांट दिए गए।

इस सूचना पर भर्ती बोर्ड ने परीक्षा कराने वाली संस्था ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज’ (टीसीएस) से जवाब मांगा। पहले तो टीसीएस ने बताया कि वर्तमान में ओएमआर शीट की स्कैनिंग का कार्य चल रहा है इस कारण पूरी सूचना दिए जाने में समय लगने की संभावना है। साथ ही यह भी कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह सूचना गलत लग रही है क्योंकि यदि ऐसा हुआ होता तो केंद्र पर्यवेक्षकों एवं अन्य माध्यमों से भी यह सूचना मिली होती।

इस बीच परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र बांटे जाने के संबंध में हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दाखिल की गईं। टीसीएस ने भी ओएमआर शीट की स्कैनिंग का कार्य पूरा होने के बाद सभी 860 परीक्षा केंद्रों की गहन समीक्षा की तो दो केंद्रों पर गड़बड़ी सामने आई। भर्ती बोर्ड के अनुसार जांच में पता चला कि इलाहाबाद जिले के परीक्षा केंद्र गुरु माधव प्रसाद शुक्ला इंटर कॉलेज में 18 जून को पहली पाली में दूसरी पाली की पेटी खोलकर और द्वितीय पाली में प्रथम पाली की पेटी खोलकर प्रश्नपत्र बांट दिए गए थे। इसी तरह 19 जून को एटा के श्री पीपीएस कॉलेज में पहली पाली में दूसरी पाली और दूसरी पाली में पहली पाली का प्रश्नपत्र बांट दिया गया।

यह सूचना मिलने पर बोर्ड में नियुक्त अनु सचिव भर्ती-तृतीय ने भी इसकी जांच की तो इसकी पुष्टि हुई। बोर्ड ने सभी पहलुओं का संज्ञान लिया तो ऐसा कोई तथ्य स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया कि किसी परीक्षार्थी को इसके फायदा पहुंचा होगा कि परीक्षा की शुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 18 व 19 जून को दूसरी पाली में प्रदेश के सभी 860 केंद्रों पर हुई परीक्षा को निरस्त करते हुए दोबारा परीक्षा कराई जाए।

दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: अरविंद कुमार
प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परीक्षा में हुई चूक को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी दोषियों को दंडित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के संबंध में बोर्ड की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद प्रश्नपत्र की पेटी खोलने में लापरवाही की गई। इस कारण भर्ती बोर्ड की ओर से दोनों केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों, परीक्षा कराने वाली संस्था के प्रतिनिधियों, पुलिस के प्रेक्षकों एवं अन्य के विरुद्ध आपराधिक मामले से संबंधित एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज कराई जाएगी। संबंधित पुलिस कर्मियों के निलंबन एवं उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए हैं।

दोनों परीक्षा केंद्रों को भविष्य में परीक्षा केंद्र न बनाने का फैसला भी लिया गया है। इन केंद्रों पर अन्य परीक्षाएं भी न कराने की संस्तुति भी बोर्ड की ओर से शासन को भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की ओर से परीक्षा कराने वाली संस्था टीसीएस ने भी स्पष्टीकरण तलब किया गया है। परीक्षा के जनपदीय नोडल अधिकारी बनाए गए दोनों जिलों के अपर पुलिस अधीक्षकों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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