विकास दुबे केस में सस्पेंड पुलिस ऑफिसर अनंत देव तिवारी की यूपी एसटीएफ में पोस्टिंग, मिला बड़ा रोल
प्रयागराज में डीआईजी रेलवे के पद पर तैनात अनंत देव तिवारी को अपने कार्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से एसटीएफ से भी संबद्ध किया। डीजीपी डॉ. डीएस चौहान ने उन्हें तत्काल एडीजी एसटीएफ को रिपोर्ट करने को कहा।
प्रयागराज में डीआईजी रेलवे के पद पर तैनात अनंत देव तिवारी को अपने कार्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से एसटीएफ से भी संबद्ध किया गया है। डीजीपी डॉ. डीएस चौहान ने उन्हें तत्काल एडीजी एसटीएफ को रिपोर्ट करने को कहा है। अनंत देव तिवारी इससे पहले विकास दुबे केस में सस्पेंड किए गए थे। हालांकि पिछले साल उन्हें एक बार फिर बहाल कर लिया था और उन्हें रेलवे डीआईजी के पद पर बहाल किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर अनंत देव तिवारी को अब यूपी एसटीएफ में भेजा गया है।
बता दें कि विकास दुबे मुठभेड़ कांड के समय भी अनंतदेव एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। जहां एक ओर यूपी पुलिस प्रयागराज हत्याकांड के मुख्य हमलावरों को तलाशने में जुटी है वहीं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनंत देव तिवारी के एसटीएफ में दोबारा आने से चर्चा शुरू हो गई है कि प्रयागराज हत्याकांड की कार्रवाई में एक बड़ी जिम्मेदारी अनंत देव को दी जा सकती है। नवंबर 2020 में बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट आने के बाद अनंत देव को निलंबित किया गया था। वह डीआईजी पीएसी मुरादाबाद के पद पर तैनात थे। इसके बाद 2022 में उन्हें बहाल किया गया।
दरअसल, बिकरू कांड के बाद कुछ फोटो और वॉयरल ऑडियो वायरल हुए जिनके बाद अनंत देव तिवारी विवादों में घिर गए थे। इसके बाद जांच बैठी और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद अनंत देव को निलंबित कर दिया गया था। अक्टूबर 2022 को सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया था। अनंत देव लंबे समय तक कानपुर नगर के एसएसपी थे। डीआईजी बनने के बाद उन्हें कानपुर नगर से हटाकर एसटीएफ में तैनाती दी गई थी, लेकिन अनंत देव के हटने के कुछ ही दिन बाद कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू में विकास दुबे ने पुलिस वालों की हत्या कर दी थी।