Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP : No claimant of gold worth Rs 1 5 crore found in Kanpur Central IT sent notice to courier company

कानपुर सेंट्रल में मिले डेढ़ करोड़ रुपये के सोने का कोई नहीं दावेदार, IT ने कोरियर कंपनी को भेजा नोटिस

सेंट्रल स्टेशन पर 3150 ग्राम सोना और जेवर के साथ पकड़े गए कोरियर कंपनी के चारों डिलीवरीमैनों को छोड़ दिया गया है। आयकर और जीआरपी ने दो दिन की पूछताछ में टैक्स चोरी के सोने के नेटवर्क से जुड़ी कई...

Shivendra Singh प्रमुख संवाददाता, कानपुरSun, 19 Sep 2021 03:22 PM
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सेंट्रल स्टेशन पर 3150 ग्राम सोना और जेवर के साथ पकड़े गए कोरियर कंपनी के चारों डिलीवरीमैनों को छोड़ दिया गया है। आयकर और जीआरपी ने दो दिन की पूछताछ में टैक्स चोरी के सोने के नेटवर्क से जुड़ी कई जानकारियां जुटाई हैं। आयकर विभाग ने कोरियर कंपनी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। पकड़े गए सोने के बिस्किट, ज्वैलरी और डायमंड जीआरपी के मालखाने में सुरक्षित है। कोई दावेदार अभी सामने नहीं आया है।

जीआरपी डिप्टी एसपी कमरुल हसन के मुताबिक दिल्ली की कोरियर कंपनी साईं एयर पार्सल सर्विस के चार एजेंटों से पूछताछ में टैक्स चोरी के नेटवर्क का पता चला है। इन सभी को सेंट्रल से पकड़ा गया था। कई चक्र पूछताछ हुई है। जीएसटी, आयकर विभाग ने अलग-अलग पूछताछ की है। इनका नेटवर्क बहुत लंबा है। सेंट्रल पर पकड़े गए माल को ठिकाने लगाने वाले दस हैंडलर के बारे में डिटेल नहीं मिल पाई है। सभी के मोबाइल नंबर चारों एजेंटों के पकड़े जाने के बाद से ही बंद हैं।

जीआरपी इंस्पेक्टर धर्मेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक चारों युवकों को शुक्रवार को ही आयकर विभाग ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। युवकों ने खुद को कोरियर कंपनी का एजेंट बताया। सोना किसका है इसकी जानकारी एजेंट नहीं दे सके। डिप्टी एसपी जीआरपी कमरुल हसन का कहना है कि सेंट्रल स्टेशन पर सोने के जेवरात के साथ पकड़े गए चारों आरोपितों को छोड़ दिया गया है। माल पर किसी ने दावा नहीं किया है। पकड़ा गया माल जीआरपी के मालखाने में रखा गया है। आयकर विभाग रिलीज या जब्त करने पर फैसला लेगा।

स्टेशन से पकड़े गए गोल्ड से जुड़ी ई-इनवाइस मिली
डेढ़ करोड़ के सोने के गहनों और बिस्किट के मामले में ई-इनवाइस मिली है। आयकर विभाग की टीम छानबीन में लगी है। सोना व गहने जीआरपी की कस्टडी में हैं। इस कड़ी में ही आयकर विभाग को ई-इनवाइस मिली है। इसकी जांच के जरिए बेचने व खरीदने वालों के नाम तलाशे जा रहे हैं। इसमें माल मंगाने वाले व अन्य जानकारियां मिल सकती हैं। मोबाइल कंपनियों को युवकों और इनके पास से मिले फोन नंबरों और पैकेटों के ऊपर दर्ज नंबरों की केवाईसी मंगाई गई है।

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