UP NEET PG 2022: मेडिकल पीजी के छात्र जान लें ये गलती की तो निरस्त हो जाएगा प्रवेश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यूपी नीट पीजी-2022 के तहत एमडी, एमएस और डिप्लोमा सीटों पर प्रवेश संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अभ्यर्थियों को इसी साल का जाति प्रमाणपत्र देना होगा।
यूपी के आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थियों को इसी साल का जाति प्रमाणपत्र देना होगा। ऐसा न करने पर मेडिकल पीजी में उनका प्रवेश निरस्त हो जाएगा। पीएमएचएस संवर्ग के अभ्यर्थियों को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र देना होगा। तभी उनकी प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यूपी नीट पीजी-2022 के तहत एमडी, एमएस और डिप्लोमा सीटों पर आवंटन पाने वाले अभ्यर्थियों के प्रवेश संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि राजकीय क्षेत्र की सीटों पर आवंटित अभ्यर्थियों के प्रवेश संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य स्तर पर होगा। वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शासन द्वारा तय नोडल सेंटरों पर कराई जाएगी। यूपी के ओबीसी व ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों को इसी साल एक अप्रैल या उसके बाद जारी जाति प्रमाणपत्र ही जमा कराना होगा।
ऑल इंडिया वालों को स्टेट सीट के लिए देनी होगी एनओसी
जो अभ्यर्थी ऑल इंडिया कोटे के जरिए सीट आवंटन प्राप्त कर प्रदेश की राजकीय सीटों पर प्रवेश ले चुके हैं। उसके बाद स्टेट कोटे की सीटों पर आवंटन प्राप्त होने की दशा में उन्हें ऑल इंडिया के माध्यम से तय मेडिकल कॉलेज की एनओसी लेनी होगी। उसी के आधार पर उन्हें स्टेट कोटे की सीट पर प्रवेश मिल सकेगा। ऐसे अभ्यर्थियों को दूसरे चक्र की काउंसलिंग से पहले अपने सभी कागजात मूल रूप में जमा कराने होंगे। ऐसा न होने पर उनकी सीट को रिक्त मानते हुए दूसरे चक्र की काउंसलिंग में शामिल कर लिया जाएगा।
ताकि फर्जीवाड़े का शिकार न हों नर्सिंग अभ्यर्थी
नर्सिंग-2022 के अभ्यर्थियों के लिए पहली बार प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन काउंसलिंग कराई जा रही है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण द्वारा किसी भी फर्जीवाड़े से बचने को गाइडलाइन जारी कर आगाह किया गया है। इसमें कहा गया कि नर्सिंग-2022 की ऑनलाइन काउंसलिंग एनआईसी की मदद से महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा द्वारा कराई जा रही है। किसी भी अनधिकृत संस्था या व्यक्ति के स्तर पर लिए गए प्रवेश पूरी तरह अवैध हैं। ऐसे किसी भी प्रवेश का दायित्व महानिदेशक या विभाग का नहीं होगा।