सैफई परिवार से जुड़ी इन 5 सीटों को लेकर बीजेपी की खास प्लानिंग, ऐसे बिछाई बिसात
सैफई परिवार से जुड़ी इन 5 सीटों को लेकर बीजेपी की खास प्लानिंग है। भाजपा ने सामाजिक समीकरणों की बिसात बिछाई है। इसके लिए भगवा खेमे ने यादव लैंड में जातीय क्षत्रपों की फौज उतार दी है।
सैफई परिवार को घेरने के लिए भाजपा ने सामाजिक समीकरणों की बिसात बिछाई है। इसके लिए भगवा खेमे ने यादव लैंड में जातीय क्षत्रपों की फौज उतार दी है। सैफई परिवार से जुड़ी पांच सीटों के लिए खास रणनीति तय की गई है। एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मैनपुरी से आजमगढ़ तक सपा को घेरने में जुटे हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से यादव बाहुल्य सीटों के लिए और समय मांगा गया है। केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित प्रदेश सरकार के तमाम मंत्री और संगठन के पदाधिकारियों को सजातीय वोटरों को साधने का जिम्मा सौंपा गया है।
सैफई कुनबे से इस बार पांच महारथी चुनाव मैदान में हैं। इनमें सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज तो उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रही हैं। भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ तो चाचा शिवपाल यादव के पुत्र आदित्य बदायूं और रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय फिरोजाबाद सीट से प्रत्याशी हैं। इनमें से मैनपुरी को छोड़ बाकी सीटें ऐसी हैं जो भाजपा 2019 में जीत चुकी है। आजमगढ़ सीट उपचुनाव में भाजपा ने सपा से छीनी थी। सपा किसी भी तरह इन सीटों को फिर पाना चाहती है। यादव लैंड में पुन: भगवा फहराने के लिए भाजपा दोहरी रणनीति पर काम कर रही है।
महिलाओं को रिझाने का प्रयास
भाजपा का फोकस महिला वोटरों पर है, जिनकी केंद्र और प्रदेश में मोदी-योगी सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब हर विधानसभा क्षेत्र में कई महिला सम्मेलन व अन्य कार्यक्रम किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जातीय किलेबंदी मजबूत करने को सरकार और संगठन के तमाम चेहरों, विधायकों, पूर्व सांसदों व अन्य की लंबी-चौड़ी फौज सैफई परिवार वाली सीटों पर उतारी गई है। इसे लोकसभा विशेष प्रवास नाम दिया गया है। बड़ी संख्या में ओबीसी नेताओं को इन क्षेत्रों में भेजा गया है।
दलितों को साधने पर फोकस
भाजपा का फोकस सपा को शिकस्त देने के लिए दलित वोटों पर है। दलित बाहुल्य इलाकों में प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण, बेबीरानी मौर्य, दिनेश खटीक, राज्यसभा सांसद मिथलेश कठेरिया, पूर्व सांसद जुगल किशोर, अंशुल वर्मा, विधायक पल्टूराम, अंजुला माहौर, ओम कुमार, राजीव तरारा, प्रेम सिंह धनगर, मनीषा रावत, चेतराम पासी, पूर्व विधायक कुसाग्र सागर, लालजी प्रसाद निर्मल सहित अन्य को लगाया गया है।
केशव-ब्रजेश पर पिछड़ों-ब्राह्मणों को साधने का जिम्मा
पिछड़े वर्ग को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, नरेंद्र कश्यप, संजय गंगवार, रामकेश निषाद, दारा सिंह चौहान, अजीत पाल, संदीप सिंह, धर्मवीर प्रजापति, क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, डा. रामकैलाश यादव, सांसद डा. सत्यपाल सिंह, राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद, गीता शाक्य सहित तमाम अन्य नेताओं को लगाया गया है। ब्राह्मणों को रिझाने का जिम्मा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर, चंद्रिका उपाध्याय, प्रांशुदत्त द्विवेदी सहित अन्य नेताओं को लगाया गया है। इनके अतिरिक्त मंत्री एके शर्मा, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता सहित तमाम अन्य मंत्रियों-पदाधिकारियों को भी इन सीटों पर लगाया गया है।
सम्मेलनों के जरिए पैठ बढ़ाने की कोशिश
बूथ सम्मेलन, व्यापारी सम्मेलन, एनजीओ सम्मेलन, प्रबुद्ध सम्मेलन, जातीय सम्मेलन, महिला सम्मेलन, शिक्षक-प्रबंधक सम्मेलन, चिकित्सक सम्मेलन, युवा सम्मेलन, किसान सम्मेलन सहित तमाम कार्यक्रमों के जरिए यह नेता पार्टी के लिए पैठ बढ़ाने में जुटे हैं। भाजपा की यह कवायद कितनी कारगर होगी, यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे।
मोदी-शाह कर चुके सभाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदायूं और आंवला लोकसभा सीट के लिए चुनावी रैली कर चुके हैं। फिरोजाबाद से सटे आगरा में भी पीएम की रैली हो चुकी है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह मैनपुरी के किशनी में जनसभा कर चुके हैं। रैलियों और प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सीटों पर पहुंच चुके हैं। मैनपुरी के मुख्यमंत्री मोहन यादव मैनपुरी में भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह के नामांकन में शामिल हुए थे। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी रैलियों व अन्य बैठकों में इन सीटों पर जा चुके हैं। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह संगठनात्मक बैठकों के जरिए व्यूह रचना में जुटे हैं।