Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़up lok sabha election First Narada and Ram Iqbal then Dhananjay s wife Srikala met Amit Shah is the election stuck in Ballia-Ghosi

पहले नारद और रामइकबाल, फिर धनंजय की पत्नी श्रीकला की अमित शाह से मुलाकात, बलिया-घोसी में फंस गया है चुनाव?

अंतिम चरण के चुनाव से ठीक पहले सोमवार को बलिया के कद्दावर सपा नेता नारद राय और राम इकबाल सिंह ने ओपी राजभर के साथ अमित शाह से मुलाकात की। अब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला अमित शाह से मिली हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, बलिया वाराणसीTue, 28 May 2024 10:32 PM
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लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अंतिम चरण की वोटिंग होने में सिर्फ तीन दिन बाकि हैं। इसके बाद भी नेताओं का पाला बदल जारी है। बलिया के कद्दावर सपा नेता नारद राय और राम इकबाल सिंह ने ओपी राजभर के साथ सुबह सपा से बगावत की और रात में अमित शाह से मुलाकात कर मोदी के पक्ष में खड़े होने का ऐलान कर दिया। अब मंगलवार को जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला ने वाराणसी में अमित शाह से मुलाकात की है। श्रीकला की अमित शाह से एक पखवारे में यह दूसरी मुलाकात है। धनंजय सिंह जौनपुर से खाली होने के बाद बलिया में भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के चुनाव में जुटने की बात पहले ही कह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पहले बलिया के नारद राय व राम इकबाल सिंह और अब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के अमित शाह से मिलने के पीछे की मंशा एक ही है।

माना जा रहा है कि बेहद प्रतिष्ठा का सवाल बन गई बलिया में लड़ाई बड़ी हो गई है। इन सब के बीच ओपी राजभर का पुल बनना अलग चर्चाओं को जन्म दे रहा है। यह चर्चा घोसी लोकसभी सीट को लेकर है। घोसी से ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर मैदान में हैं। राम इकबाल सिंह का इलाका बलिया की जगह घोसी लोकसभा सीट को ज्यादा प्रभावित करता है। 

अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर समेत 13 सीटों पर एक जून को चुनाव होना है। इन दोनों सीटों के बीच 11 ऐसी सीटें हैं जिन पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इन सीटों पर थोड़ा भी वोट इधर या उधर होने पर रिजल्ट बदल जाता रहा है। ऐसे में हर दल नई-नई रणनीति बनाने में जुटा है। सबसे ज्यादा गहमागहमी भाजपा खेमे में दिखाई दे रही है। इसका केंद्र वाराणसी बना हुआ है। यहां खुद भाजपा के चाणक्य अमित शाह ने डेरा जमाया हुआ है।

पूरे पूर्वांचल या यह कहें कि वाराणसी-गोरखपुर के बीच आने वाली 11 सीटों की रणनीति यहीं से बन रही है। 
 इसमें सबसे खास और दोनों लोकसभा के बीचोबीच की सीट बलिया है। इस सीट पर ऊंट किस करवट बैठ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। पीडीए का मिशन लेकर चुनावी मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां से ब्राह्मण चेहरे सनातन पांडेय पर दांव लगाया है। भाजपा का कोर वोट बैंक माने जा रहे ब्राह्मण समाज के सनातन पांडेय पर सपा के दांव से लड़ाई कांटे की हो गई है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर कभी समाजवादी रहे नीरज शेखर को उतारा है। इससे भाजपा का एक गुट भी नाराज बताया जा रहा है।

ओपी राजभर पूरे धारावाहिक के निर्देशक
बताया जाता है कि सपा नेताओं को भाजपा में शामिल कराने की मुहिम में मुख्य भूमिका सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर निभा रहे हैं।  नारद राय और राम इकबाल सिंह दो दिन पहले तक अखिलेश यादव के साथ सपा के मंच पर थे लेकिन अब अमित शाह के साथ बैठक में दिखे हैं। राम इकबाल सिंह जिस चिलकहर विधानसभा सीट से विधायक बनते रहे हैं वह अब अस्तित्व में तो नहीं है लेकिन उसका बड़ा हिस्सा रसड़ा विधानसभा सीट में मिल गया है।

रसड़ा सीट घोसी लोकसभा सीट का हिस्सा है। घोसी से ही ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर मैदान में हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पूरी कवायद घोसी के लिए भी हो रही है। ठाकुर और भूमिहार मतों को अपने बेटे अरविंद राजभर के पक्ष में करने के लिए राजभर पूरी कवायद में लगे हैं। राम इकबाल सिंह ने इस बात को माना भी कि ओपी राजभर ही पूरे धारावाहिक के निर्देशक हैं।

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