इत्र कारोबारी के साथ बिजनेस करने वाले भी फंसे, पीयूष जैन समेत 14 को चुकाने होंगे और 290 करोड़ रुपये
इत्र कारोबारी पीयूष जैन की फर्मों पर लगभग 497 करोड़ रुपये की जीएसटी की टैक्स चोरी की देनदारी निकाली गई है। डीजीजीआई की जांच में पीयूष के साथ कारोबार करने वाले कई और लोग भी फंसे हैं।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन की फर्मों पर लगभग 497 करोड़ रुपये की जीएसटी की टैक्स चोरी की देनदारी निकाली गई है। डीजीजीआई की जांच में पीयूष के साथ कारोबार करने वाले कई और लोग भी फंसे हैं। छह फर्म, उनके निदेशक व साझेदार समेत 14 को नोटिस भेजा गया है। इनके खिलाफ भी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा सकती है। फिर मुकदमा चलाया जा सकता है। पीयूष जैन की तीनों फर्मों के कारोबार व बरामद सोने पर कुल लगभग 497 करोड़ रुपये की जीएसटी की वैल्यू निकाली गई। छापेमारी के दौरान उसके लगभग 207 करोड़ रुपये सीज किये जा चुके हैं। इस लिहाज से पीयूष को लगभग 290 करोड़ रुपये और चुकाने पड़ सकते हैं।
डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि मेसर्स ओडोचैम इंडस्ट्रीज, मेसर्स फ्लोरा नेचुरल, मेसर्स ओडोसेंथ आईएनसी व उसके साझेदार पीयूष जैन, भाई अम्बरीश जैन, पिता महेश चंद्र जैन, मेसर्स त्रिमूर्ति फ्रेग्रेंसेस प्राइवेट लिमिटेड व उसके निदेशक दीपक अग्रवाल, मैनेजर शैलेंद्र मित्तल, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड व उसके निदेशक प्रवीण कुमार जैन, रजत जैन, मेसर्स एस. कुशलचंद्र इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड व उसके निदेशक सुनील ए हिरानी को नोटिस भेजा गया है। इनके खिलाफ विवेचना लगभग पूरी हो गई है। जल्द ही मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: शराब के शौकीन यूपी में रिकॉर्ड बनाने को तैयार, पीने वालों की संख्या बढ़ी, रोजाना तीन अरब की दारू गटक रहे
अगली सुनवाई अब 23 मई को
पीयूष जैन के मामले में शनिवार को सुनवाई हुई। उसके अधिवक्ता की ओर से स्पेशल सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई। इसमें कहा गया कि विभाग की ओर से विवेचना जारी है। जब तक विवेचना पूरी नहीं हो जाती है तब तक मुकदमे में गवाही शुरू नहीं की जा सकती। इस पर विभाग की ओर से आपत्ति मांगी गई। अगली सुनवाई अब 23 मई को होगी।