UP: पुरुष पीछे हुए, शहरी महिलाएं तेजी से मोटापे की जद में, पढ़ें क्या कहते हैं आंकड़े
बच्चों के बाद वयस्कों के मोटापे की आकलन रिपोर्ट ने डॉक्टरों को चौंका दिया है। मोटापा और ओवरवेट के मामले में पुरुष पीछे छूट गए हैं और महिलाएं आगे आ गई हैं। शहरी महिलाएं तेजी से मोटापे की जद में आ रही।
बच्चों के बाद वयस्कों के मोटापे की आकलन रिपोर्ट ने डॉक्टरों को चौंका दिया है। मोटापा और ओवरवेट के मामले में पुरुष पीछे छूट गए हैं और महिलाएं आगे आ गई हैं। शहरी महिलाएं तेजी से मोटापे की जद में आ रही हैं, जहां हाइपरटेंशन और डायबिटीज हमला करने की ताड़ में रहती ही हैं। इसलिए महिलाओं में इन बीमारियों का ग्राफ 7 से 12 फीसदी पर पहुंच गया है।
इसका खुलासा कानपुर की जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन और एलपीएस कार्डियोलॉजी की संयुक्त स्टडी में किया गया है। तीन साल तक चली स्टडी में 818 वयस्कों को लिया गया, जिनकी उम्र 20 साल से ज्यादा थी। सैम्पल साइज का पालन करते हुए शहर के 110 वार्डों और ग्रामीण इलाकों के 10 ब्लॉकों के लोगों को इसमें शामिल किया गया। 545 शहरी तो 273 केस ग्रामीण क्षेत्र के लिए गए। स्टडी में प्रश्नावली के साथ शारीरिक व्यायाम के लिए बीएमआर, बीएमआई को आधार बनाया गया। स्टडी के रिजल्ट की मानें तो शहरी आबादी गांवों की अपेक्षा तेजी से मोटापे की ओर जा रही है। साथ ही शहरी महिलाओं का मोटापा और वजन तेजी से बढ़ रहा है। कुल आबादी में 4.72 फीसदी में अधिक वजन और मोटापा सामने आ रहा है।
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शहरी आबादी पर आफत
शहरी आबादी 6.2 फीसदी के हिसाब से मोटापे की श्रेणी में मिली। कुल केस में से शहरियों में 6.2 फीसदी मोटापा मिला। इसमें महिलाओं का ग्राफ 7.2 फीसदी रिकॉर्ड किया गया जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह ग्राफ 1.7 फीसदी पर दर्ज किया गया। सभी में बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 25 से 30 किलोग्राम प्रति 2 मीटर मिला जबकि यह 23.2 से 24.9 पर होना चाहिए। 18.5 से 22.9 किलोग्राम प्रति 2 मीटर बीएमआई को वयस्कों में सामान्य माना जाता है।
स्टडी से ये भी आया सामने
12 फीसदी पार कर गया महिलाओं में बीपी और डायबिटीज की वृद्धि का ग्राफ
30 साल उम्र से शादी के बाद महिलाओं में मोटापे की शुरुआत, 40 के बाद अनियंत्रित
40 के बाद बीएमआई मानक पार कर जाता, घर में काम को नहीं माना गया एक्सरसाइज
फिजिकल गतिविधियों पर गंभीरता से फोकस किसी भी परिवार में नहीं मिला
एलपीएस कॉर्डियोलाजी के निदेशक,प्रो. विनय कृष्णा ने कहा कि मोटापे और वजन पर नियंत्रण का समय आ गया है। इन्हीं के कारण बीते पांच सालों में महिलाओं में हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और थायराइड की बीमारी बढ़ रही है। स्टडी से इसी का आकलन किया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डॉ. तनु मिड्ढा का कहना है कि शहरी आबादी में मोटापे का ग्राफ तेजी से बढ़ना चिंता का विषय है। लोगों को इस पर फोकस करते हुए फिजिकल एक्सरसाइज के साथ ज्यादा से ज्यादा चलने पर ध्यान देना होगा।