Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Health Facilities will be improved Proposals worth Rs 9000 crore prepared for Ground Breaking Ceremony

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को जमीन पर उतरेंगे 9 हजार करोड़ के प्रस्ताव, ये है तैयारी

सेहत सुधारने को जमीन पर 9 हजार करोड़ के प्रस्ताव उतरेंगे। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। इसमें नए मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों के प्रस्ताव भी शामिल हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, लखनऊFri, 2 Feb 2024 07:22 AM
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उत्तर प्रदेश वासियों की सेहत की बेहतर देखभाल हो सकेगी। इसके लिए करीब 9 हजार करोड़ के प्रस्ताव जमीन पर उतरेंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए उन प्रस्तावों का खाका तैयार कर लिया है, जिन पर काम शुरू होना है। इनमें इन्वेस्टर मीट के दौरान हुए एमओयू के अलावा उसके अतिरिक्त मिले, बिना एमओयू वाले प्रस्ताव भी शामिल हैं। नये मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों का निर्माण होगा। साथ ही प्रदेश के 42 हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

प्रदेश में इसी महीने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीएस) होनी है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। तमाम विभाग प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से जिनकी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, उनका अंतिम खाका तैयार करने में जुटे हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भी इसे अंतिम रूप दे दिया है। विभाग को कुल 322 प्रस्ताव मिले थे, जिनमें 40 हजार 643 करोड़ 40 लाख का निवेश प्रस्तावित है। यह प्रस्ताव नये मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा विश्वविद्यालय, नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेजों की स्थापना से जुड़े हैं। इनसे प्रदेश में 1 लाख 21 हजार 337 लोगों को रोजगार मिलना है।

जीबीएस के लिए 285 प्रोजेक्ट तैयार
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए इनमें से 237 प्रस्ताव तैयार हैं। इनसे 7 हजार 604 करोड़ 82 लाख का निवेश होना है और 36 हजार 281 नये रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा जीबीएस के लिए 46 अन्य प्रस्ताव भी तैयार हैं, जो बिना एमओयू वाले हैं। जिनमें 1279 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है जबकि करीब 6 हजार रोजगार भी सृजित होंगे। इस तरह जीबीएस के लिए विभाग के कुल 285 प्रोजेक्ट तैयार हैं। इनमें 8 हजार 897 करोड़ 82 लाख का निवेश होगा। जबकि 42 हजार 474 रोजगार का सृजन होगा। जहां तक बिना एमओयू वाले प्रस्तावों का सवाल है तो इनमें से 16 प्रस्ताव नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों के हैं। जबकि 25 मेडिकल कॉलेजों के हैं।

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