यूपी: गंगा स्नान मेले में नहीं दिखेंगे झूले, जादू, सर्कस, बच्चों के एंटरटेंमेंट के लिए केवल ये हैं इंतजाम
यूपी के गढ़ में ब्रजघाट के शहरी मेले का शुभारंभ हो गया है। हालांकि इस बार में गंगा मेले में मनोरंजन के संसाधन जैसे झूले, सर्कस नहीं आए हैं। इसका कारण सख्ती या महंगाई बताई जा रही है।
शहर और दुनिया की भागदौड से दूर गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे खादर के जंगल में लगने वाले 12 दिवसीय गंगा स्नान मेले में श्रद्धालुओं को मनोरंजन के लिए कोई संसाधन नहीं आए है। अग्निश्मन विभाग ने बड़े झूले के लिए दमकल की गाड़ी खड़ी कर दी परंतु आज तक कोई बड़ा झूला मेले में नहीं लगा है। राजकीय मेला होने के बाद मनोरंजन के संसाधनों से अछूते रहने वाले श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है।
गंगा स्नान मेला भले ही सरकारी कागजों में 29 नवंबर तक हो परंतु 27 नवंबर की रात को लगभग 80 प्रतिशत मेला वापस हो जाता है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान का स्नान रात 12 बजे से शुरू होता है जो अगले दिन दोपहर बाद तक चलता है। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु वापसी करने लगते हैं। जिसके चलते पूर्णिमा की शाम तक मेला 80 प्रतिशत वापसी करता हैं, जो रहता है वो केवल मनोरंजन के संसाधन बचते हैं। जिनको देखने के लिए नगर तथा आसपास के लोग जाते हैं। उधर, गंगा के दूसरे छोर पर कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में लग रहे झूले दूर से इधर के श्रद्धालुओं का मन लुभा रहे है।
मनोरंजन हुआ महंगा
एक तरफ देखा जाए तो मेले में दुकान तथा मनोरंजन के संसाधन लगाना महंगा हो गया है। क्योंकि ठेकेदार ने बताया कि तहबाजारी का ठेका 22 लाख का लिया है। 750 से 1000 रुपये गज तक जमीन किराए पर दी जा रही है। वहीं पिछले साल एक झूले पर करंट लगने के बाद इस बार परमीशन भी आडे आ रही थी।
बच्चों के लिए दो छोटे झूले ही लग सके
मेला समापन में केवल तीन दिन रह गए हैं। जबकि अभी तक मेले में कोई काला जादू, सर्कस , झूले, बड़े झूले आदि नहीं पहुंचे है। केवल बच्चों के लिए मिक्की माउस, बच्चों के लिए दो छोटे झूले और एक छोटा सा घूमने वाला लगा है। जबकि बड़े तथा मध्यम झूले तक नहीं लग पाए हैं।