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UP Floods: गंगा में बाढ़! काशी के मणिकर्णिका घाट पर पानी, श्मशान घाट पर डूबे चिता स्थल

वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में श्मशान घाट पर चिता स्थल डूब रहे हैं। हरिश्चंद्र घाट पर पांच संस्कार स्थल जलमग्न हो गए। मणिकर्णिका घाट पर भी नीचे के स्थान पानी में डूब गए हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, वाराणसीFri, 19 July 2024 09:24 AM
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वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का श्मशान घाटों पर भी असर दिखने लगा है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर कुछ अंतिम संस्कार स्थल डूब गए हैं। इससे शवों का अंतिम संस्कार कराने पहुंच रहे परिजनों का इंतजार लंबा हो चला है। हरिश्चंद्र घाट पर चरण पादुका चारों ओर पानी से घिर गई है। वहां अंतिम संस्कार संभव नहीं है। उसके नीचे के चिता स्थल जलमग्न हो गए हैं। वहां पांच से छह चिताएं जलती थीं। अब ऊपर की ओर चिताएं लग रही हैं।

मणिकर्णिका घाट पर ताड़केश्वर महादेव मंदिर से 10 सीढ़ी नीचे गंगा पहुंच गई हैं। नीचे के अंतिम संस्कार स्थल पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। अब केवल महाश्मशाननाथ मंदिर के सामने करीब 12-15 चिताओं की जगह रह गई है। यहां पुनरुद्धार प्रोजेक्ट के कारण छत का बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया है। इससे वहां चिताएं नहीं लग पा रही हैं। जबकि घाट की तरफ छह स्थलों पर चिता सजाने पर रोक है।

डीएम ने बाढ़ से बचाव की तैयारी परखी
डीएम एस. राजलिंगम ने गुरुवार को सामनेघाट स्थित जज गेस्ट हाउस घाट के पुनर्विकास कार्य और फ्लिपर गेट के दोनों तरफ स्टोन पिंचिंग की गुणवत्ता परखीं। प्राथमिक कन्या विद्यालय नगवां और गोयनका संस्कृत महाविद्यालय भदैनी में बनी बाढ़ चौकियों में व्यवस्था सुधारने पर जोर दिया। नगवा कन्या विद्यालय में गंदगी देख प्रधानाचार्य से नाराजगी भी जताई।

जज गेस्टहाउस के निरीक्षण के दौरान कार्यदायी एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने डीएम को बताया कि 110 मीटर लंबाई वाले घाट का पुनर्विकास में दो गजीबो, एक पालकी, दो चेजिंग रूम, हाई मास्ट लाइट का काम पूरा हो चुका है। ब्लॉक टॉयलेट, स्टोन पिचिंग, रैम्प और हार्टिकल्चर हो रहा है। डीएम ने व्यक्तिगत रुचि लेते हुए निर्धारित मानक और गुणवत्ता के साथ काम पूरा करने का निर्देश दिया। फ्लिपर गेट के दूसरे तरफ से कूड़ा हटाने का नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया। खाली जमीन का होगा उपयोगः डीएम ने बाढ़ चौकी प्राथमिक कन्या विद्यालय नगवां में सफाई की व्यवस्था संतोषजनक न होने पर हेड मास्टर से नाराजगी जताई। 

बेहतर सफाई के साथ पीने के पानी, शौचालय, किचन आदि पर जोर दिया। बाढ़ के दौरान यहां आने बाले प्रभावित लोगों की जानकारी ली। हेडमास्टर ने बताया कि जगह कम पड़ती है। डीएम ने पास की सार्वजनिक भूमि पर प्रबंध करने का निर्देश दिया। पढ़ाई प्रभावित होने का रखा मुद्दाः गोयनका संस्कृत महाविद्यालय में डीएम ने नायब तहसीलदार को हाईजेनिक किचन, शौचालय, गैस कनेक्शन, मेन्यू के अनुसार भोजन, टेंट, डॉक्टर की उपलब्धता, बिजली सेफ्टी, बेहतर सफाई के निर्देश दिए। प्रधानाचार्य ने बताया कि बाढ़ चौकी स्थापित होने के बाद बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने लगती है। डीएम ने वैकल्पिक व्यवस्था का भरोसा दिया।

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