यूपी: चंद्रवाड़ बनेगा ईको टूरिज्म विलेज, नजदीक से जानेंगे पर्यटक, लेंगे देहाती खाने का आनंद
यूपी के फिरोजाबाद में चंद्रवाड़ ईको टूरिज्म विलेज बनेगा। वन विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजा जा रहा है। ऊंट की सवारी संग मंदिरों का भ्रमण करवाया जाएगा। गांव में कैफे में पर्यटक देहाती खाने का आनंद लेंगे।
चंद्रवाड़...। जैन समाज का प्रमुख मंदिर। पसीना वाले हनुमान महाराज का मंदिर। नजदीक ही बहती यमुना। इस सबके बीच में चंद्रवाड़ गांव में प्राचीन संस्कृति एवं ग्रामीण सभ्यता। इस सबके साथ में पर्यावरण को जोड़ कर वन विभाग की योजना चंद्रवाड़ को ईको टूरिज्म विलेज बनाने की है। जहां पर लोग आएं तो प्रकृति के साथ में ग्रामीण परिवेश को अच्छी तरह समझ सकें। इसके लिए वन विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है।
चंद्रवाड़ में अगर देखें तो पसीना वाले हनुमान मंदिर पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं, तो चंद्रवाड़ जैन मंदिर में शहर के ही नहीं, दूर-दराज से भी भक्त आते हैं। यमुना किनारे बसे चंद्रवाड़ को वन विभाग ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है, जहां पर आने वाले भक्तजन पर्यटन का लुत्फ उठा सकें। वहीं अन्य पर्यटकों को भी यहां लाया जा सके। यमुना किनारे होने के कारण चंद्रवाड़ गांव आज भी काफी कुछ पुराने गांवों जैसा है।
वन विभाग द्वारा यहां पर अपनी जमीन पर ईको टूरिज्म के लिए जंगल के बीच में नेचर ट्रेल बनाने का प्रस्ताव बनाया है, ताकि पर्यटक जंगल के बीच से गुजरने वाले छोटे-छोटे रास्तों पर चलने का आनंद उठा सकें। वहीं यहां पर ऊंट को पालने वालों को विशेष तौर पर ऊंट की सवारी कराने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वह यहां आने वाले पर्यटकों को ऊंट की सवारी कराते हुए हनुमान मंदिर सहित चंद्रवाड़ आदि जगह पर ले जा सकें। वन विभाग की जमीन पर ही यहां पर वॉच टॉवर भी बनाए जाएंगे।
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देहाती शोरूम में होंगे गांव के उत्पाद
वहीं यहां पर एक कैंटीन के साथ में एक शोरूम भी होगा, जिसमें सभी उत्पाद देहात के होंगे। देहात की महिलाएं आज भी कई तरह के आचार तैयार करती हैं तथा अन्य भी कई तरह के उत्पाद होते हैं। उन्हें यहां पर रखा जाएगा, ताकि पर्यटक इन्हें खरीद सकें। गांव-देहात में बनाए गए हस्तशिल्प के आयटम भी यहां पर रखे जाएंगे।
ग्रामीण बताएंगे गांव से जुड़ी पुरानी बातें
गांव में एक कैफे झोंपड़ी टाइप बनाया जाएगा, जहां पर पर्यटकों की सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। वहीं यहां पर देहाती अंचल का भोजन भी पर्यटकों को मिले। यह भी वन विभाग की योजना में शामिल है। इसके लिए गांव के कुछ लोगों को जोड़ा जाएगा। वहीं यहां आने वाले पर्यटकों को गांव से जुड़ी पुरानी कहानियां सुनाने के लिए बुजुर्गवारों को भी मनाया जाएगा, ताकि ग्रामीण परिवेश को लोग जान सकें।
प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी विभाग, विकास नायक ने कहा कि चंद्रवाड़ को ईको टूरिज्म विलेज बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है, ताकि यहां आने वालों को पर्यटन की सुविधा मिल सके। इसके साथ में अन्य पर्यटकों को भी यहां लाने में मदद मिले। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।