UP Earthquake: भूकंप के चौथे खतरनाक जोन में है आगरा, धरती हिलने से ज्यादा तबाही की रहती है संभावना
भूकंप के लिहाज से देश को पांच जोनों में बांटा गया है। पांचवां सबसे खतरनाक है। जबकि इससे पहले चौथे जोन में आगरा शामिल है। यही कारण है कि अफगानिस्तान में रेक्टर स्केल पर 6.5 का भूकंप आगरा में महसूस हुआ।
भूकंप के लिहाज से देश को पांच जोनों में बांटा गया है। पांचवां सबसे खतरनाक है। जबकि इससे पहले चौथे जोन में आगरा शामिल है। यही कारण है कि अफगानिस्तान में रेक्टर स्केल पर 6.5 के भूकंप ने आगरा की धरती को कंपा दिया। जहां टैक्टोनिक प्लेटों में ज्यादा हरकतें होती हैं, वह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से अधिक संवेदनशील माना जाता है। देश का 59 वां हिस्सा भूकंप प्रभावित इलाकों में आता है। इन इलाकों में भूकंप आने से तबाही की आशंका सबसे ज्यादा रहती है।
1809 में आया था पहला भूकंप
आगरा में 209 साल पहले 1809 में पहली बार भूकंप रिकार्ड किया गया। कई रईसों की कोठियां गिर गई थीं। इसके नुकसान के बारे में कोई लिखित दस्तावेज नहीं है। 11 अप्रैल, 02 मई और 09 मई 2018 को भी तूफान आया था।
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2015 में भी हिल गई थी धरती
13 मई 2015 को भूकंप आया था। करीब 1235 बजे आए भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई थी। इतनी तीव्रता भवनों को गिराने, क्षतिग्रस्त करने के लिए काफी होती है। इससे पहले 26 अप्रैल को भी झटके आए थे। सरकारी और निजी कार्यालयों से लोग निकलकर सड़कों पर आ गए थे।
कौन से जोन में कितना खतरा
- जोन-2- राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक का बचा हुआ हिस्सा। इस जोन में खतरा सबसे कम है। पहले जोन को परिभाषित नहीं किया गया है।
- जोन-3- केरल, गोवा, लक्षद्वीप, यूपी/हरियाणा के कुछ हिस्से, पश्चिमी राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड का कुछ हिस्सा, उड़ीसा, आंध्रा, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक का कुछ हिस्सा शामिल है।
- जोन-4- जम्मू-कश्मीर का शेष इलाका, लद्धाख, हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड के शेष हिस्से, पंजाब, दिल्ली, सिक्किम, यूपी का उत्तरी हिस्सा, बिहार, पं. बंगाल के कुछ हिस्से, गुजरात, महाराष्ट्र और पं. राजस्थान शामिल हैं।
- जोन-5- जम्मे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार, पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार शामिल हैं।