बुलडोजर पर योगी के मंत्री संजय निषाद ने अपनी ही सरकार को घेरा तो डीजीपी प्रशांत आए सामने, ऐसे दी सफाई
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि किसी भी हालत में किसी गरीब पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता। इस संबंध में सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं।
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की। साथ ही बुलडोजर एक्शन पर अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आप बुलडोजर चलवाएंगे, लोगों के घर गिराएंगे तो वे वोट देंगे क्या? अब इस पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने सपाई दी है। उन्होंने कहा है कि बुलडोजर किसी भी स्थिति में किसी गरीब व्यक्ति पर नहीं चल सकता। इस बारे में शासन के स्पष्ट निर्देश हैं। बुलडोजर का इस्तेमाल अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को खाली कराने या अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए होता है। बुलडोजर को लेकर सक्षम विभाग ही निर्णय लेता है।
उन्होंने बुधवार को जारी बयान में कहा कि बुलडोजर को लेकर लोगों ने भ्रांतियां फैला रखी है। अगर कोई गरीब व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। बुलडोजर की कार्रवाई पुलिस के द्वारा नहीं होती है। पुलिस केवल शांति-व्यवस्था बनाने के लिए मौके पर मौजूद रहती है। सक्षम विभाग पूरी तरह कानूनी तरीके से इस कार्रवाई के बारे में फैसला लेता है। माफिया के खिलाफ भी बुलडोजर का इस्तेमाल होता है। जांच के बाद गलत मिलने पर ही बुलडोजर की कार्रवाई होती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वों व त्योहारों को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं। कोई नई परंपरा नहीं शुरू होगी। पुलिस इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ती है। साल 2017 के बाद से किसी भी त्योहार पर कभी अशांति नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर वह खुद मुख्य सचिव के साथ जगह-जगह गए। अयोध्या व मथुरा समेत यूपी के अधिकतर जिलों का खुद दौरा किया। मोहर्रम के साथ ताजियों की ऊंचाई निर्धारित करने के लिए पीस कमेटी के साथ बात की गई। पुलिस की कोशिश रहती है कि किसी श्रद्धालु की भावना को ठेस न पहुंचे। बुधवार को मोहर्रम पर लगभग 15 हजार जुलूस निकल रहे हैं। पूरे प्रदेश भर में भारी मात्रा में फोर्स लगाई गई है। इसमें 65 कंपनी पीएसी व आठ कंपनी सीआरपीएफ भी शामिल है। सावन का त्योहार एक महीने तक चलेगा उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। पश्चिमी यूपी के अलावा बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या व बस्ती मंडल में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
एक सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा साझा की गई बातों से पता चलता है कि जन सुनवाई की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। इसके लिए हम शीर्ष स्तर पर कुछ पहलुओं की निगरानी कर रहे हैं। हम निस्तारण की गुणवत्ता पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि लोगों को न्याय मिले। राज्य सरकार की अवज्ञा करने वालों की पहचान की जा रही है। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि सर्वोच्च स्थान रखते हैं।
संजय निषाद ने अपनी ही सरकार पर उठाए थे सवाल
यूपी में भाजपा की लोकसभा सीटें घटने की वजह के तौर पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का सवाल उठाने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी साथ दिया है। उन्होंनेने सोमवार को उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की साथ ही प्रेस वार्ता में कहा, "यूपी के अधिकारी सपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। ये अधिकारी साइकिल, हाथी और पंजा वालों की बातें सुन रहे हैं। जब कार्यकर्ताओं के घरों पर ही बुलडोजर चलेगा तो कार्यकर्ता काम कैसे करेगा। आप बुलडोजर चलवाएंगे, लोगों के घर गिराएंगे तो वे वोट देंगे क्या?"