नोएडा में 15,950 करोड़ से बनेंगे चार डाटा सेंटर पार्क, 4000 लोगों को मिलेगा रोजगार
नोएडा में विभिन्न निवेशकों द्वारा 15,950 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से 4 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना की जाएगी। इससे लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को नोएडा में चार डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसे डाटा सेन्टर नीति-2021 के तहत मंजूर किया गया है। चारों निवेशकों को डाटा सेंटर नीति-2021 के तहत अनुमन्य प्रोत्साहन संबंधी सभी छूट दी जाएंगी। नीति के तहत विभिन्न निवेशकों द्वारा 15,950 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से 4 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना की जाएगी। इससे लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होंगे।
फैसले के बारे में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार ने बताया कि इसके तहत मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में 9134.90 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे 1450 लोगों को रोजागर मिलेगा। वहीं अन्य तीन निवेशकों-मेसर्स एनटीटी ग्लोबल डाटा सेन्टर्स एण्ड क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में 1687 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे करीब 300 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। वहीं अडानी एन्टरप्राइजेज लिमिटेड परियोजना-एक के तहत 2416 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इससे 1100 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसी के साथ अडानी एन्टरप्राइजेज लिमिटेड परियोजना-दो में 2713 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस परियोजना से भी 1100 युवाओं को रोजगार मिलेगा।
अरविंद कुमार ने बताया कि इन कंपनियों को नीति के तहत वित्तीय एवं गैर वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह फैसला नीति कार्यान्वयन इकाई की बैठक में संस्तुति के बाद निवेशकों को अनुमन्य किए जाने के लिए मंजूर किया गया है। सोशल मीडिया, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा / पर्यटन एवं अन्य ट्रान्जेक्शन में बहुत अधिक डाटा उत्पन्न होता है। जिसके संग्रहण के लिए डाटा सेन्टर का उपयोग किया जाता है। मौजूदा वक्त में देश का अधिकांश डाटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। डाटा सेन्टर क्षेत्र की महत्ता को मद्देनज़र रखते हुए राज्य सरकार द्वारा जनवरी-2021 में उप्र डाटा सेन्टर नीति अनुसूचित की गई है। इसमें राज्य में 250 मेगावॉट डाटा सेन्टर उद्योग विकसित किए जाने, राज्य में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश और कम से कम तीन अत्याधुनिक निजी डाटा सेन्टर पार्क्स स्थापित करने का लक्ष्य है।
नीति के तहत डाटा सेन्टर पार्क्स और डाटा सेन्टर इकाइयों को पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, भूमि के क्रय-पट्टे पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट तथा ऊर्जा से जुड़ी वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा विभिन्न गैर वित्तीय प्रोत्साहन अनुमन्य किए जाएंगे। बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहनों की व्यवस्था है।