यूपी कैबिनेट फैसला : मेडिकल कॉलेजों में खत्म होगा स्टाफ का संकट
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और अन्य चिकित्सा संस्थानों में अब मानकों के अनुसार स्टाफ की तैनाती होगी। इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मानकों को आधार माना जाएगा। प्रदेश के चिकित्सा...
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और अन्य चिकित्सा संस्थानों में अब मानकों के अनुसार स्टाफ की तैनाती होगी। इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मानकों को आधार माना जाएगा। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियंत्रण वाले राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अन्य चिकित्सा संस्थानों में पद सृजन के मानदंड निर्धारण संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों सहित दूसरे चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की कमी का संकट दूर होगा। वर्तमान में राज्य के कई मेडिकल कॉलेज स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ रहा है। राज्य सरकार ने अब इस कमी को दूर करने का फैसला किया है। अस्पतालों के सुगम संचालन के लिए जहां खाली पदों को भरा जाएगा, वहीं एमसीआई के मानकों के अनुरूप नए पदों का भी सृजन किया जाएगा।
बता दें कि राज्य में ऐसे चिकित्सा संस्थानों की संख्या चार दर्जन है। इसके अलावा कैबिनेट ने रायबरेली स्थित एम्स के कार्यस्थल पर मौजूद पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण संबंधी प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी। अयोध्या के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के पुनरीक्षित व्यय प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।