यूपी बोर्ड रिजल्टः दोस्ती का गजब रंग, एक साथ मेरिट में, एक जैसे अंक
मुरादाबाद मंडल में पहला स्थान हासिल करने वाली दो सहेलियों के विषयवार नंबर भी एकदम एक जैसे हैं। दोनों को हिंदी में 96, अंग्रेजी में 96, फिजिक्स में 97, केमेस्ट्री में 97 व बॉयोलाजी में 97 अंक मिले हैं।
कहने वाले तो कहते हैं कि दोस्तों के चक्कर में पड़कर उन्होंने अपना कैरियर दांव पर लगा दिया। कुछ इसे पढ़ाई में बाधक मानते हैं तो कुछ के लिए यह टाइम पास के अलावा कुछ नहीं। लेकिन दोस्ती अगर आफिया परवीन और गानिया अख्तर जैसी हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। दोनों की दोस्ती सालों पुरानी हैं। वे एक साथ, एक ही स्कूल और एक ही कक्षा में पढ़ीं। पढ़ाई को लेकर उनकी लगन भी एक जैसी है। उनके बीच की केमिस्ट्री भी कमाल की है। इसका अंदाजा इस बाद से लगाया जा सकता है कि वे यूपी बोर्ड की मेरिट लिस्ट में न केवल एक साथ जगह बनाने में कामयाब हुईं बल्कि उनके अंक भी एक जैसे ही हैं।
यूपी बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद दोनों के अंक देख हर कोई हैरान है। इलाके के लोग अब उनकी दोस्ती की मिसाल दे रहे हैं। दोनों डॉक्टर बनने का सपना संजोए हुए हैं और आगे भी एक-दूसरे की मदद से इस सपने को भी साकार करना चाहती हैं। महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज पट्टी मोढ़ा की छात्रा आफिया परवीन और गानिया अख्तर ने इंटरमीडिएट में 500 में 483 नंबर हासिल करके प्रदेश की मेरिट लिस्ट में पांचवां स्थान हासिल किया है।
मुरादाबाद मंडल में पहला स्थान हासिल करने वाली इन सहेलियों के विषयवार नंबर भी एकदम एक जैसे ही हैं। आफिया और गानिया दोनों को हिंदी में 96, अंग्रेजी में 96, फिजिक्स में 97, केमेस्ट्री में 97 व बॉयोलाजी में भी 97 अंक मिले हैं।
दोनों ने बताया कि उन्हें परिणाम में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो थी लेकिन वे दोनों प्रदेश की मेरिट लिस्ट में एक ही पायदान पर होंगी और हर विषय में भी उनके नंबर भी एक जैसे होंगे, इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। गानिया और आफिया दोनों ही 12 से 15 घंटे पढ़ाई करती हैं।
दोनों का लक्ष्य भी एक है। दोनों की दोस्ती को अब छह साल हो चले हैं। दोनों साथ ही स्कूल आती-जाती रही हैं और अब मेडिकल की तैयारी भी एक साथ करने का इरादा है। आफिया के पिता इकबाल दुकान चलाते हैं तो वहीं गानिया के पिता मोहसिन खां बीयूएमएस डॉक्टर हैं।
दोनों सहेलियों को न केवल अपनी दोस्ती बल्कि अपनी मेहनत पर भी नाज है। उनका कहना है कि मेहनत का दूसरा विकल्प नहीं है। समय प्रबंधन के साथ सही दिशा में मार्गदर्शन ही सफलता की सीढ़ी बनाता है। कहा कि सभी विषयों को समान रूप से समय और महत्व देना जरूरी है।