Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Board: Big crisis in front of thousands of students of class 9th to 12th due to this the form is not being accepted

UP Board: नौवीं से 12वीं के हजारों छात्रों के सामने बड़ा संकट, इस वजह से फार्म नहीं हो रहा स्वीकार

यूपी बोर्ड के कक्षा नौ से 12 तक के हजारों छात्र-छात्राओं के समक्ष पढ़ाई छूटने का खतरा पैदा हो गया है। यूपी बोर्ड से संबद्ध 27735 स्कूलों में 2332 राजकीय, 4528 सहायता प्राप्त और 20875 वित्तविहीन हैं। 

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 10 Aug 2022 01:48 PM
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यूपी बोर्ड के कक्षा नौ से 12 तक के हजारों छात्र-छात्राओं के समक्ष पढ़ाई छूटने का खतरा पैदा हो गया है। यूपी बोर्ड से संबद्ध 27735 स्कूलों में 2332 राजकीय, 4528 सहायता प्राप्त और 20875 वित्तविहीन हैं।  इसका कारण आधार का नहीं होना है। अधिकतर वित्तविहीन स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जागरूकता के अभाव में अभी भी बड़ी संख्या में बच्चों के पास आधार नहीं है। ऐसे में यदि इन बच्चों का फॉर्म बोर्ड स्वीकार नहीं करता तो इनकी पढ़ाई बाधित हो जाएगी।

2023 की बोर्ड परीक्षा के लिए इस साल 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं के परीक्षा शुल्क 10 अगस्त तक कोषागार में जमा होंगे और उनके शैक्षिक विवरण बोर्ड की वेबसाइट www. upmsp. edu. in पर 16 अगस्त तक अपलोड की जाएगी।

दस अगस्त के बाद प्रति छात्र 100 रुपये विलम्ब शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क 16 अगस्त तक जमा होंगे और शैक्षिक विवरण 20 अगस्त तक अपलोड होगी। कक्षा 9 व 11 में प्रवेश लेने वाले बच्चों के अग्रिम पंजीकरण के लिए शुल्क एवं शैक्षिक विवरणों को 25 अगस्त तक अपलोड किया जाएगा।

कानूनी तौर पर आधार को नहीं कर सकते अनिवार्य 

बच्चों को आधार संख्या के नाम पर पढ़ाई से वंचित करना कानूनी तौर पर उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना ‘आधार’ को 4:1 के बहुमत से संवैधानिक ठहराया था।

हालांकि अदालत ने आधार संख्या को बैंक खाते तथा फोन नंबर से जोड़ने को असंवैधानिक बताते हुए इससे संबंधित प्रावधान रद्द कर दिए थे। यही नहीं यूपी बोर्ड ने आधार अनिवार्य करने से पहले अपने एक्ट में संशोधन भी नहीं किया है। इसलिए यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है।

एमएलसी और नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी के अनुसार बिना पूर्व सूचना दिए अचानक से आधार अनिवार्य करना अनुचित है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं के पास आधार नहीं है। ऐसे में आधार के नाम पर बच्चों को शिक्षा से वंचित करना न्यायसंगत नहीं है। आधार अनिवार्य करने से पहले मौका देना चाहिए।

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