UP: कांग्रेस ने नहीं भरा यूपी रोडवेज का सालों पुराना करोड़ों का बिल, कोर्ट ने दिए ब्याज समेत चुकाने के आदेश
यूपी कांग्रेस ने 1981-1989 में यूपीएसआरटीसी की बसों का इस्तेमाल अपने कामों के लिए किया लेकिन इसका 2 करोड़ से ज्यादा का बकाया बिल नहीं भरा। इस मामले में कोर्ट ने ब्याज समेत बिल भरने का आदेश दिया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपने एक बिल पुराने बिल का भुगतान करने का आदेश दिया है। 1981 से 1989 तक यूपी रोडवेज के वाहनों को राजनीतिक कामों के लिए इस्तेमाल किया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम, यूपीएसआरटीसी का 2 करोड़ 66 लाख रुपये का बिल बकाया है। कांग्रेस को 5 प्रतिशत ब्याज के साथ 2 करोड़ 66 लाख रुपये का बिल जमा करवाने के आदेश दिए गए।
कहा गया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों और टैक्सियों का इस्तेमाल कांग्रेस ने 1981-89 के बीच अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया था। उस दौरान कांग्रेस पार्टी राज्य में सत्ता में थी। हालांकि बसों के इस्तेमाल के बाद भी बिल जमा नहीं किया गया।
जज मनीष कुमार और जज विवेक चौधरी की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कांग्रेस ने बसों का इस्तेमाल किया। यूपीएसआरटीसी ने उन्हें बिल भी दिए लेकिन पार्टी ने इसे नजरअंदाज कर दिया। अब इन बिलों का भुगतान करें जो 25-30 सालों से लंबित हैं।
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कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने यूपीएसआरटीसी की सुविधाओं का लाभ बिना कीमत चुकाए उठाया है। केवल यह कहकर बिल भरना नहीं टाला जा सकता है कि सत्ता में पार्टी बदलने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनसे रकम वसूली जा रही है। अपने बिलों का भुगतान करने से बचने की आजादी नहीं दी जा सकती है।
यूपी कांग्रेस के खिलाफ यूपी परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर की सिफारिश पर बकाया रकम की वसूली का नोटिस जारी हुआ था। इस पर यूपी कांग्रेस ने सार्वजनिक धन (बकाया की वसूली) अधिनियम, 1972 के तहत जारी नोटिस पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। वसूली पर इसके बाद स्टे लगा और मामला सालों से कोर्ट में लंबित था।