सावधान! आगरा में ये हैं सबसे खतरनाक 15 ब्लैक स्पॉट, इन्हीं सड़कों पर होते हैं जानलेवा हादसे
परिवहन निगम ने प्रदेश के बस हादसों पर 900 पेज की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। इसमें इसका खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश में पहले पायदान पर प्रयागराज है, जहां 23 स्थान निकलकर सामने आए हैं।
आगरा में बसों के लिए 15 स्थान सुरक्षित नहीं हैं। यहां रोड इंजीनियरों की गड़बड़ी सामने आई है। इन स्थानों पर सर्वाधिक हादसे होते हैं। परिवहन निगम ने प्रदेश के बस हादसों पर 900 पेज की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। इसमें इसका खुलासा हुआ है। प्रदेश में पहले पायदान पर प्रयागराज है, जहां 23 स्थान निकलकर सामने आए हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर आगरा है। प्रदेश के 35 शहरों में सबसे ज्यादा बस हादसों वाले 129 स्थान चिह्नित हुए। इनमें टॉप फाइव में पहले पर प्रयागराज रहा है, जहां 23 ऐसे स्पॉट मिले। इसके बाद आगरा का नंबर है।
यहां ग्वालियर रोड, रामबाग फ्लाई ओवर, टेडी बगिया 100 फुटा, गुरुद्वारा कट, अरतौनी के पास, शाहदरा चुंगी, बिचपुरी नहर क्रॉसिंग, बाद-काकुआ, सिकंदरा मंडी पुल के पास, वाटर वर्क्स क्रॉसिंग, अरनौटा, टंकी चौराहा, कलक्ट्रेट, कीठम और मंगुरा कट सामने आए हैं। इन स्थानों को अब ब्लैक स्पॉट घोषित किया जाएगा। इसके बाद कानपुर, लखनऊ और मुरादाबाद शामिल हैं। इन शहरों में हुए 90 फीसदी बस हादसों की वजह 129 जगह रोड इंजीनियरिंग यानी सड़क में गड़बड़ी की बात सामने आई है। 99 फीसदी हादसे सुबह 8 से रात 8 बजे के बीच हुए।
इन स्थानों पर ड्राइवरों को सावधानी से बस चलाने के लिए दिशा सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे। प्रदेश में रोडवेज बसों से होने वाले हादसों पर परिवहन निगम ने पहली बार विस्तृत सर्वे कराया। इसमें क्षेत्रीय प्रबंधकों ने छह माह तक जांच पड़ताल की। परिवहन निगम ने 900 पन्नों की जांच रिपोर्ट तैयार की है।
ये भी पढ़ें: यूपी में ओला-उबर की तर्ज पर जल्द मिलेंगी एंबुलेंस, इन खास फीचर्स के साथ ऐसे तय होगा किराया
ये हैं पांच शहर
नाम स्पॉट
प्रयागराज 23
आगरा में 15
कानपुर में 11
लखनऊ 10
मुरादाबाद 06
5 सालों में हादसों में मृतकों की संख्या
2017-18 में-469
2018-19 में 484
2019-20 में 390
2020-21 में 284
2021-22 में 394
इंजीनियरिंग की गड़बड़ी सामने आई
उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) ने बताया कि बस हादसे रोकने के लिए प्रदेश भर में सर्वे कराया गया है। इसमें रोड इंजीनियरिंग की गड़बड़ी सबसे ज्यादा सामने आई है। जिसे देखते हुए जिम्मेदार विभाग को पत्र भेजकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र घोषित करते हुए सुधार के लिए कहा गया है।