मुगल बादशाहों के साथ समय बिता सकेंगे टूरिस्ट, यूपी में यहां बनेंगे डिजिटल म्यूजियम
आगरा और फतेहपुर सीकरी में डिजिटल म्यूजियम बनाए जाएंगे। मुगल बादशाहों और ब्रज की धरोहरों के स्टैच्यू भी लगाए जाएंगे। थ्रीडी पिक्चर से ताजमहल, आगरा किसा और फतेहपुर सीकरी का इतिहास बताया जाएगा।
आगरा में ताजमहल, फतेहपुर सीकरी देखने आ रहे हैं तो जेहन में शाहजहां, मुमताज की कब्रें और अकबर का किला याद रहता है। अब इनके साथ आप कुछ समय भी बिता सकेंगे। ऐसा डिजिटल म्यूजियम से संभव हो सकेगा। यहां इन मुगल बादशाहों के अलावा ब्रज की धरोहरों के स्टेच्यू लगे होंगे। इससे मुगलकाल के साथ ब्रज की संस्कृति की यादें भी ताजा हो सकेंगी। थ्रीडी पिक्चर के जरिए स्मारकों का इतिहास भी जान सकेंगे। साथ ही कुछ ऐसा भी होगा जिससे आपको संग्रहालय में ये महसूस होगा कि आप ही बादशाह हैं।
पर्यटन विभाग सुदूर देशों से आने वाले सैलानियों को कुछ खास देने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके तहत थ्रीडी पिक्चरें चलाई जाएंगी इनमें ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, बटेश्वर, कीठम के अलावा अन्य स्मारकों, धार्मिक स्थलों की भी चित्र के साथ जानकारियां दी जाएंगी। जिससे सैलानी को इन स्मारकों में भ्रमण करने से पहले इनके इतिहास की जानकारी हो सके। इससे पर्यटक को भ्रमण करने के दौरान काफी आसानी रहेगी।
वहीं डिजिटल म्यूजियम में बादशाह शाहजहां, बेगम मुमताज और अकबर की स्टेच्यू भी लगाए जाएंगे। इनके साथ सैलानी सेल्फी ले सकते हैं। स्टेच्यू के नीचे मुगल बादशाह के बारे में जानकारी भी अंकित रहेगी। यही नहीं ब्रज की अन्य धरोहरों की भी स्टेच्यू के साथ पर्यटक सेल्फी ले सकेंगे। ये स्टेच्यू मोम के बने होंगे। ये बिन बोले ही सबकुछ बयां करते नजर आएंगे। इनको देखकर पहचानना ही मुश्किल हो जाएगा। ऐसा लगेगा कि बादशाह स्वयं यहां पर खड़े हों। ये पर्यटकों के लिए नया आकर्षण होगा।
डिजिटल म्यूजियम दो स्थानों पर बनाए जाएंगे। एक शिल्पग्राम में बनाए जाने की तैयारी है। दूसरा फतेहपुरसीकरी में इंटरपिटेशन सेंटर (गुलिस्तां रेस्टोरेंट काम्पलेक्स) में बनाया जाएगा। इसकी प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। इस प्रक्रिया को पूर्ण होने में कुछ समय लगेगा। इसे आगरा हेरिटेज फंड द्वारा पोषित किया जाएगा। दीप्ति वत्स, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी
1997 में बना था हेरिटेज फंड
दुनिया के नामचीन संगीतकार ग्रीक निवासी यन्नी वर्ष 1997 में आगरा आए थे। यहां उन्होंने ताजमहल के पीछे यमुना की रेती में संगीत का कार्यक्रम किया था। उनके कार्यक्रम के दौरान बैकड्राप में ताजमहल इठलाता नजर आया था। तब उन्होंने पियानो और कीबोर्ड वादन का सम्मिश्रण प्रस्तुत कर वह शाम यादगार बना दी थी। कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि तत्कालीन डीएम दुर्गाशंकर मिश्र ने इस कार्यक्रम के लिए हेरिटेज फंड बना दिया था। दशहरा घाट की ओर से दर्शकों के जाने के लिए यमुना पर पहली बार पांटून पुल बनाया गया था। ये कार्यक्रम दुनियाभर में काफी चर्चित रहा था। इसी फंड से डिजिटल संग्रहालय पोषित किए जाएंगे।
ये भी जानें
- लखनऊ विधानसभा में विजिटर पहचान पत्र की छायाप्रति के साथ विधानसभा के द्वार संख्या-07 से संग्रहालय में निःशुल्क एंट्री कर सकते हैं। इस म्यूजियम में 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, एनिमेटेड डायोरामा, इंटरेक्टिव कियोस्क, होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, टॉकबैक स्टूडियों, फिल्म्स ऑन स्क्रीन, मैकेनाईज्ड इंस्टालेशन और डायनामिक इंस्टालेशन तकनीक का उपयोग किया गया है।
- ग्वालियर महाराज बाडा पर अटल म्यूजियम और डिजिटल म्यूजियम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ एआई की मदद से सेल्फी ले सकेंगे, तो वहीं वर्चुअल रियलिटी के जरिए पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण की मंत्रणा के गवाह भी बन सकेंगे।
- अवध और लखनऊ का इतिहास बताते कई संग्राहलय हैं, लेकिन, डिजिटल दुनिया में अवध को दशति ऑनलाइन और ऑफलाइन म्यूजियम तैयार है। इस म्यूजियम में जो कुछ ऑफलाइन होगा, उसे गूगल आर्ट एण्ड कल्चर के माध्यम से ऑनलाइन पूरी दुनिया भर में देखा जा सकेगा।
- राजस्थान के अलवर, चितौड़गढ़, बारां, बूंदी और भरतपुर शहरों में स्थित पांच राजस्थान सरकार के संग्रहालय राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और इतिहास के विशाल खजाने का घर हैं। इन संग्रहालयों की डिजिटल रूप से निर्मित, यथार्थवादी प्रतिकृतियों में गहराई से उतरेंगे। इन डिजिटल संग्रहालयों के कंप्यूटर जनरेटेड थ्री डी परिसर में घूमने का एक समग्र, विसर्जित अनुभव मिलेगा।
ये होगा फायदा
- पर्यटकों के लिए स्मारकों के अलावा अलग से एक आकर्षण का केंद्र होगा
- डिजिटल संग्रहालय को देखने के लिए पर्यटक रात्रि प्रवास भी कर सकेगा
- पर्यटकों को स्मारकों से लेकर पूरे ब्रज की सारी जानकारी यहां से मिल सकेगी
- बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए डिजिटल संग्रहालय में भ्रमण करना अलग अनुभव होगा
ये शुरू नहीं हो सके
- आगरा किला में लाइट एंड साउंड अभी शुरू नहीं हो सका है
- हेलीकाप्टर से आगरा और मथुरा दर्शन की योजना अभी शुरू नहीं हो सकी है।