Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Unnao rape victim accident : car speed is more than 100 at the time of accident while truck speed was 70 km hr

उन्नाव कांड: हादसे के वक्त 100 से ज्यादा स्पीड में थी पीड़िता की कार, ट्रक की रफ्तार थी 70 किमी/घंटा

रायबरेली के गुरुबख्शगंज में जब टक्कर हुई तो उस समय रेप पीड़िता की कार 100 किमी. प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चल रही थी, जबकि ट्रक 70 से 80 किमी/घंटे की स्पीड से था। ट्रक लहराते हुए दाहिने तरफ आ...

प्रमुख संवाददाता लखनऊ।Thu, 1 Aug 2019 07:47 AM
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रायबरेली के गुरुबख्शगंज में जब टक्कर हुई तो उस समय रेप पीड़िता की कार 100 किमी. प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चल रही थी, जबकि ट्रक 70 से 80 किमी/घंटे की स्पीड से था। ट्रक लहराते हुए दाहिने तरफ आ गया। सामने से आ रही कार के चालक ने बचने की कोशिश की, लेकिन उसकी कार ट्रक के पिछले हिस्से से जा टकरायी। अब तक ट्रक का संतुलन भी पूरी तरह से बिगड़ चुका था। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रक की कमानी टूट गई और पहिया पीछे हट गए। सीबीआई बुधवार को कार और ट्रक का मुआयना किया। सीबीआई फिलहाल ऐसा ही फिलहाल मान रही है।

इन तथ्यों के बाद सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम ने लखनऊ से गए फोरेंसिक विशेषज्ञों से यह पता करने का प्रयास किया कि क्या गाड़ियों की ऐसी स्थिति जानकर कार को टक्कर मारने में हो सकती है। सीबीआई के एसपी राघवेन्द्र वत्स ने दुर्घटनाग्रस्त कार के स्पीडोमीटर को कई बार देखा। इस पर विशेषज्ञों ने चौकी पर खड़ी पीड़िता की कार और सड़क पर खड़ी ट्रक के कई हिस्सों को सीबीआई के सवालों के अनुसार नापा। कई एंगल से फोटो की, फिर उसका एक कागज पर चित्र खींच कर कुछ तथ्य समझने की कोशिश की। इस दौरान रायबरेली की फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा त्रिपाठी भी मौजूद रहीं। 

दुकानदारों की आंखों देखी भी सुनी सीबीआई ने
बुधवार दोपहर 11:30 बजे सीबीआई एसपी राघवेन्द्र वत्स के नेतृत्व में टीम रायबरेली पहुंची। टीम पहले दुर्घटनास्थल पर गई। आसपास दुकानदारों से एक्सीडेंट के बारे में पूछताछ की। दो दुकानदारों से सीबीआई ने कहा कि हादसे के समय जो कुछ देखा, महसूस किया, उसे अपने शब्दों में कहें। दुकानदारों ने हादसे के बारे में बताना शुरू किया तो बीच-बीच में सीबीआई इंस्पेक्टर सवाल-जवाब करते रहे।

कार के टुकड़े लखनऊ लायी टीम
चौकी में खड़ी दुर्घटनाग्रस्त कार के कई टुकड़ों को सीबीआई लखनऊ लायी है। इन टुकड़ों को लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जायेगा। इस पर कुछ तथ्यों की पड़ताल करने की बात कही जा रही है।

डीएम और एसपी भी पहुंचे
रायबरेली कार्यालय के मुताबिक, सीबीआई की पड़ताल के दौरान डीएम नेहा शर्मा और एसपी सुनील सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। सीबीआई एसपी ने दोनों अफसरों से आधे घंटे तक बात की। इस दौरान रायबरेली पुलिस द्वारा गठित एसआईटी की अब तक की पड़ताल पर चर्चा हुई।

पूछताछ के बाद ट्रक मालिक को छोड़ा 
सीबीआई ने गिरफ्तार ट्रक ड्राइवर आशीष पाल व क्लीनर मोहन से थाने में पूछताछ की। फिर हिरासत में रखे गये ट्रक मालिक से भी सीबीआई ने सवाल जवाब किये। पूछताछ के बाद ट्रक मालिक को छोड़ दिया गया। हालांकि, उन्हें चेतावनी दी गई कि बुलाने पर तुरन्त आना होगा।

सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ करेगी सीबीआई
सीबीआई उन्नाव में पीड़िता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के भी बयान लेगी। हालांकि यह सामने आ चुका है कि पीड़िता कार में जगह न होने की बात कहकर खुद ही इन लोगों को अपने साथ नहीं ले गई थी। अभी यह तय नहीं कि सीबीआई उन्नाव जायेगी या नोटिस देकर बयान देने के लिये पुलिसकर्मियों को लखनऊ बुलाएगी।

पीड़िता के चाचा को कड़ी सुरक्षा में भेजा गया उन्नाव
हाईकोर्ट के आदेश पर पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रेप पीड़िता के चाचा को कड़ी सुरक्षा में उन्नाव ले जाया गया। करीब 12 घंटे बाद शाम साढ़े पांच बजे उसे वापस जेल में दाखिल कर दिया गया। हाईकोर्ट ने चाचा को पत्नी के अंतिम संस्कार के लिये एक दिन की जमानत मंजूर की थी। सुबह पांच बजे चाचा को कड़ी सुरक्षा में उन्नाव ले जाया गया। उसकी सुरक्षा में दो सीओ, तीन थानेदार, डेढ़ सेक्शन पीएसी और दो दर्जन सिपाही लगाये गये थे।

ड्राइवर और क्लीनर जेल गये
रायबरेली। रेप पीड़िता की कार और ट्रक की हुई भिड़ंत के बाद पुलिस ने ट्रक चालक आशीष और क्लीनर मोहन श्रीनिवास को हत्या और साजिश की धाराओं में गिरफ्तार किया था। बुधवार को इन्हें न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया।

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