केंद्रीय मंत्री डॉ. निशंक ने कहा, नई शिक्षा नीति से बनेगा श्रेष्ठ भारत
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि नई शिक्षा नीति से श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नई शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण की...
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि नई शिक्षा नीति से श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नई शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण की आधारशिला भी बनेगी।
डॉ. निशंक गुरुवार को यहां डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का आना देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण पल है। आज के विद्यार्थी कल के नए भारत के सपनों को साकार करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है। देश ने हमेशा पूरी दुनिया को लीडरशिप दी है। हमारे दर्शन, ज्ञान और विज्ञान की पूरी दुनिया को जरूरत है। दुनिया की सुख और शांति के लिए हम पराकाष्ठा तक गए हैं। जब तक धरती पर कोई प्राणी दुखी रहेगा हम सुखी नहीं रहेंगे, ये भारत की सोच है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व में अग्रणी बन रहा देश
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश समूचे विश्व में अग्रणी बन रहा है। उन्होंने चंद्रयान मिशन को इस दिशा में बड़ा कदम बताते हुए वैज्ञानिकों को बधाई भी दी। डॉ. निशंक ने कहा कि प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या स्वर्ग से भी बेहतर है। राम पुरुषों में उत्तम हैं, इसीलिए वह पुरुषोत्तम कहलाए। मुस्लिम देश इंडोनेशिया में जगह-जगह राम की प्रतिमाएं स्थापित हैं। वहां घर-घर में भगवान राम की पूजा होती है। प्रभु राम की ही तरह अच्छा विद्यार्थी बनना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी देश को विश्व के शिखर पर ले जाने में अपना योगदान दें। जीवन में परिवर्तन संकल्प से आता है। हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए खड़े हों तो चुनौती अवसर के रूप में तब्दील हो जाएगी। विद्यार्थी योद्धा की तरह मैदान में जाएं। देश गर्व कर सके ऐसा काम करें।
स्वयंप्रभा पोर्टल व दीक्षारंभ कार्यक्रम को सराहा
डॉ. निशंक ने बताया कि देश भर के छात्र-छात्राओं के लिए स्वयंप्रभा पोर्टल और दीक्षारंभ कार्यक्रम अच्छे परिणाम लेकर आया है। उन्होंने कहा कि अवध विश्वविद्यालय की तरह सभी विश्वविद्यालयों को अपना कुलगीत बनाना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात पर्वतारोही पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा मौजूद रहीं। अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने किया।