उमेश पाल मर्डर का एक और वीडियो आया सामने, बम हमले में तड़पता दिखा राघवेंद्र
उमेश पाल की सुरक्षा में लगे सिपाही राघवेंद्र पर पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने गली में घुसकर बम से हमला किया था। वही जख्म सिपाही की मौत का कारण बना। बम से हमले के बाद राघवेंद्र जमीन पर गिर गए थे।
Prayagraj Shootout: उमेश पाल की सुरक्षा में लगे सिपाही राघवेंद्र पर पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने गली में घुसकर बम से हमला किया था। वही जख्म सिपाही की मौत का कारण बना। बम से हमले के बाद जमीन पर गिरे सिपाही का एक और वीडियो रविवार को सामने आया। 58 सेकेंड के इस वीडियो में वहां की भयावहता दिख रही है। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
वीडियो में नजर आ रहा है कि गोली लगने से जख्मी सिपाही राघवेंद्र अपनी जान बचाने के लिए उमेश पाल के घर की ओर भागता है। फायरिंग की आवाज सुनकर उमेश के पड़ोस में रहने वाली एक महिला और दो-तीन लड़के-लड़कियां घर से बाहर निकलते हैं। उमेश पाल की भतीजी अपने घर में जाकर शोर मचाती है। उसी वक्त गली में घुसे गुड्डू मुस्लिम ने बम से पीछे से हमला कर दिया। दीवार पर बमों के निशान नजर आते हैं। जोरदार धमाका होता है। हर तरफ अंधेरा छा जाता है।
जमीन पर सिपाही राघवेंद्र जख्मी होकर गिर जाता है। इस धमाके से सभी डर जाते हैं। बाहर निकलीं लड़कियां और लड़के घर में छिप जाते हैं। कुछ देर के लिए उन्हें भी नहीं समझ में आता कि क्या हो गया। कुछ सेकेंड के बाद बाहर निकलते हैं। जख्मी राघवेंद्र खून से लथपथ पड़ा था। गली की ओर लड़कियां देखती हैं। जख्मी सिपाही मदद मांगता है। वहां पर मौजूद दो लड़के उसकी मदद करते हैं। हाथ पकड़कर उठाते हैं। उमेश के पड़ोसी के घर में उसे सुरक्षित पहुंचाते हैं। इसके बाद पुलिस को सूचना दी जाती है। ये पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद है। जख्मी राघवेंद्र की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इससे पूर्व उमेश पाल समेत दोनों सिपाहियों पर हमला करने वाले सीसीटीवी कैमरे में साफ नजर आए थे। इसी फुटेज के आधार पर उनकी पहचान हुई थी। तीनों की हत्या में अब भी पांच-पांच लाख के इनामी पांच शूटर फरार हैं। इनमें अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, साबिर और अरबाज शामिल हैं।
सड़क के बाहर बमबाजी का एक और वीडियो
उमेश पाल के घर के बाहर का एक वीडियो सामने आया जिसमें जख्मी राघवेंद्र दिखा। इसके बाद गुड्डू मुस्लिम के हमले का दूसरा वीडियो भी रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। 28 सेकेंड का यह वीडियो घटनास्थल से थोड़ी दूर का है। जीटी रोड की दूसरी पटरी से लौटते समय असद की क्रेटा कार आगे-आगे जा रही है। उससे सटी हुई अरमान की मोटरसाइकिल चल रही है। जिसमें पीछे सफेद शर्ट पहने हुए गुड्डू मुस्लिम बैठा हुआ है, जिसके हाथ में बम से भरा हुआ झोला है। उसी झोले से बम निकाल - निकाल कर गुड्डू मुस्लिम बीच सड़क पर फोड़ता है। सब्जी वाला ठेलिया छोड़कर भाग जाता है। सड़क के किनारे बाइक छोड़कर लोग भागते नजर आते हैं।
अतीक के मददगार डॉक्टरों की पड़ताल शुरू
अतीक के मददगार 20 डॉक्टरों की पड़ताल शुरू होते ही मंडल के तीन जिलों में खलबली मच गई है। मददगारों में कौशाम्बी 13 डॉक्टर भी शामिल हैं। इनमें एक डॉक्टर की प्रोफाइल चौंकाने वाली है। जिले के इस डॉक्टर की करेली से लेकर अमेरिका तक संपत्ति है। खुफिया तंत्र की निगाह इस डॉक्टर पर है। डॉक्टर की संपत्ति व अतीक से रिश्तों की अब नए सिरे से पड़ताल हो रही है। उमेश पाल व दो सरकारी नगर की हत्या के बाद से माफिया अतीक अहमद के करीबियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है।
मददगारों की लिस्ट लेकर घूम रहीं पुलिस टीमें
करीबी और मददगारों की पूरी फेहरिश्त लेकर पुलिस टीमें घूम रही हैं। अतीक से कैसे इनके संबंध रहे। अतीक अहमद के लिए यह क्या काम करते रहे, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि अतीक के करीबी व मददगारों के पास कितनी संपत्ति है। इस बीच अतीक के मददगार 20 डॉक्टरों की सूची भी जारी हो गई। इस सूची में कौशाम्बी के 13 डॉक्टर शामिल हैं। इस सूची में पहला नाम ही चौकाने वाला रहा। कौशाम्बी के तराई इलाके में से ताल्लुक रखने वाले इस डॉक्टर की क्लीनिक थी।
गांव में क्लीनिक चलाकर इस डॉक्टर ने पूरा साम्राज्य खड़ा कर लिया। अमेरिका में डॉक्टर की बेटी, बेटा, बहू व पोती रहती थीं। डॉक्टर का दशकों से एक परिवार पाकिस्तान में है। डॉक्टर ने 30 साल पहले करेली में आलीशान घर बनवाया था। कहा जा रहा है कि इसी के बाद से वह अतीक अहमद के संपर्क में आया। खुफिया तंत्र डॉक्टर के बारे में पूरी पड़ताल करने में जुटा है। कब क्लीनिक खोली, क्लीनिक खोलने के पहले की क्या स्थिति थी। क्लीनिक के जरिए कमाई कितनी थी? इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने में क्लीनिक ही कमाई का जरिया था और कुछ। एक-एक बिंदु पर बारीकी से छानबीन की जा रही है।
दो दिन पहले सीज हुआ क्लीनिक
अतीक के मददगारों की सूची में एक नंबर पर शामिल डॉक्टर की दो बार क्लीनिक सीज हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने लापरवाही का आरोप लगाया था। दो दिन पहले अचानक रात में पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ जाकर इस क्लीनिक को नोटिस जारी किया है। इसके बाद से खुफिया तंत्र अब डॉक्टर का इतिहास खंगाल रही है।
यमुना के तराई क्षेत्र में है डॉक्टर की मजबूत पकड़
अतीक के मददगारों की सूची में पहले नंबर पर शामिल डॉक्टर की यमुना तराई क्षेत्र में मजबूत पकड़ थी। लंबे अर्से से वह इस इलाके में लोगों का इलाज कर रहा है। यही कारण है कि गांव-गांव के लोगों से जुड़ाव था। करेली जब वह जाते थे तो लोग यहां से मिलने जाते थे। कई गांवों के लोग उनसे मिलने करेली प्रयागराज जाते थे।